Jharkhand Politics : ऐसा चादर बिछाओ कि हरियाणा जैसा काम यहां भी हो जाए-सुप्रीयो भट्टाचार्य

Jharkhand Politics : ऐसा चादर बिछाओ कि हरियाणा जैसा काम यहां भी हो जाए-सुप्रीयो भट्टाचार्य

Jharkhand Politics

Ranchi : JMM के प्रवक्ता सुप्रीयो भट्टाचार्य ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आपलोगो ने एक कैप्शन जरूर देखा होगा चुनाव आयोग का जिसमें लिखा है कि एक भी वोटर छूटे ना। जब चुनाव आयुक्त रांची आये थे तब प्रेस वार्ता करते हुए कहा था कि एक सामान अवसर सब को मिलेंगे। जब आधिकारिक सूचना आई तो उसमें बंटवारा कर दिया गया।

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कुछ विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी से हम ज्यादा मजबूत थे उन जगह पर उन क्षेत्र में समय कम ज्यादा करके उन्हें फायदा पहुंचाया गया है। ग्रामीण इलाकों के वोटरों को कम कर दिया गया है। ये बंटी बबली की खेल साफ दिख रही है। ये बंटी बबली की चाल को बहुत नजदीक से देखता हूँ।

Jharkhand Politics : पहली बार ऐसा हुआ कि एक ही चुनाव में बाप-बेटे को उम्मीदवार बना दिया

आगे उन्होंने कहा कि एक ऐसा चादर बिछाओ कि हरियाणा जैसा काम यहां भी हो जाए। साल 2014, 2019, 2024 में भी मोदी जी आये थे। उस दौरान उनका भाषण परिवारवाद पर होता था। भारतीय जनता पार्टी की दरिद्रता इस बात से झलकती है कि पहली बार एक ही चुनाव में बाप-बेटे को उम्मीदवार बना दिया।

भाजपा की दरिद्रता इस कदर है कि कोई मुख्यमंत्री रहा कोई राज्यपाल रहा, कोई पत्नी को लड़वा रहा है, कोई बेटा को, कोई भाई को लड़वा रहा है। एक तो ऐसा है कि पत्नी को एक पार्टी से और भाई को एक पार्टी से लड़वा रहा है। एक घटक दल का उम्मीदवार एक मुख्य दल का उम्मीदवार। इस बार का चुनाव बहुत मजेदार होने वाला है।

भाजपा के पास कोई मुद्दा ही नहीं है

आगे उन्होंने बीजेपी पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि भाजपा की स्थिति ये हो गयी है कि मुद्दे क्या होंगे ये पता नहीं। एक व्यक्ति चल गए काजीरंगा पार्क, ये चुनाव में आपलोगो के उपर जिम्मेवारी ज्यादा है जिस प्रकार से झारखंड की जनता के आवाज़ को दबाया जा है। मैं आयोग से कहना चाहता हूं कि निष्पक्ष होकर चुनाव कराये। हर पार्टी के नेताओ पर दवाब होता है और सीटों की संख्या सीमित है।

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आगे उन्होंने राजद के अलग से 19 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले मामले पर कहा कि ये हमारा आपस का मामला है बैठकर समझ लेंगे। हम हमेशा इस बात के अनुयायी है कि डॉक्टर के बेटा डॉक्टर बनता है तो वह परिवारवाद नहीं है। क्या सबसे ज्यादा परिवारवाद देखना है तो भारतीय सेना में देखिए।

रांची से सौरव की रिपोर्ट—-

 

 

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