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Ranchi-बेवकूफ नहीं है जनता- केन्द्र सरकार के द्वारा पेट्रोल और डीजल के एक्साइज ड्यूटी में कमी करने और उसके बाद प्रदेश भाजपा नेताओं के द्वारा इसकी क्रेडिट लेने की होड़ पर जेएमएम ने तंज कसा है. जेएमएम नेता मनोज पांडेय ने कहा है कि भाजपा सबसे पहले पेट्रोलियम पदार्थो का दाम बढ़ाती है, उसकी एक्साइज ड्यूटी में बेतहाशा वृद्धि करती है, और जब आम जनता में इस वृद्धि से हाहाकार मचती है, जब एक्साइज ड्यूटी में कमी कर छूट देने का नाटक करती है.भाजपा नेताओं पर तंज कसते हुआ मनोज पांडेय ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार इस मसले पर इतना ही गंभीर है, तब सबसे पहले झारखंड का बकाया डेढ़ लाख करोड़ रुपये का भुगतान कर दे. उसके बाद हम केन्द्र की तुलना में दोगुना छूट देंगे. बीजेपी सिर्फ जनता के आंखों में धूल झोंकने का काम करती है.
पिछले 60 दिनों में जितनी वृद्धि की गयी, उतनी भी कमी नहीं हुई और श्रेय लेने की होड़ मच गई
मनोज पांडेय ने कहा कि यूपी चुनाव के बाद पेट्रोलियम पदार्थों में जितनी वृद्धि की गयी है, यह कमी तो उसके बराबर भी नहीं है. लेकिन राज्य की जनता इतना बेवकूफ नहीं है, वह वक्त आने पर एक एक हिसाब लेगी. यह तो जनता के आक्रोश का नतीजा है कि भाजपा पेट्रोलियम पदार्थों के एक्साइज ड्यूटी में कमी करने को विवश हुई है.
आईना साफ करने से दर्द दूर नहीं होता, विकास का चेहरा बदलना होगा
इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है. प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री पहले यह बताएं कि पिछले 60 दिनों में तेल के दामों में कितनी वृद्धि हुई.
पिछले 60 दिनों में तेल के दामों में वृद्धि को देखते हुए पेट्रोल और डीजल के दामों में 8 और 6 रुपये की कमी सिर्फ जनता की आंख में धूल झोंकना है. पहले दाम बढ़ाओ और उसके बाद उसमें कमी करो, उसके बाद उसका क्रेडिट लो.पिछले 7 वर्षों में पेट्रोल के कर से तकरीबन 27 लाख करोड़ रुपए का संग्रह हुआ , लेकिन इस पैसों से कौन से विकास के कार्यों किये गये, और विकास के केन्द्र में कौन रहा, किसको सामने रख कर विकास की नीतियां बनाई गयी, यदि इन सभी को सामने रखा जाए तो समझ में आ जाएगा कि यह कथित विकास कितना दागदार है. सवाल विकास को जनोन्मुखी बनाने का है, लेकिन भाजपा विकास को मानवीय चेहरा देने के बजाय आईना का साफ कर रही है. आईना साफ करने के जनता का दर्द दूर नहीं होता.
रिपोर्ट- मदन