रांची. केंद्र की मोदी 3.0 सरकार का आज पहला बजट पेश किया गया। इस पर जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा आर्थिक वर्ष 2024-25 का केंद्रीय बजट पेश किया गया। यह आम लोगों के लिए नहीं, बल्कि खास लोगों के लिए बजट है। इसे प्रधानमंत्री की कुर्सी या सत्ता बचाओ योजना के तहत लाया गया है। इसमें आंध्र प्रदेश और बिहार को विशेष रूप से ध्यान दिया गया है।
उन्होंने बजट के 9 पॉइंट को हाईलाइट करते हुए कहा, इसमें सबसे ऊपर कृषि को रखा गया, लेकिन 19-20 एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए बजट का 5.2 प्रतिशत हिस्सा हुआ करता था, जो 3.9 प्रतिशत पर आ गया है। आर्थिक सर्वेक्षण जब हुआ तो केंद्र सरकार की ओर से बेरोजगारी दर 3.2 तो बताया। कोई नई सरकारी नौकरी की घोषणा नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि लाखों सरकारी पद खाली है। उसे भरने को लेकर कोई बाते नहीं हुई। अगले 5 वर्षो में 1 करोड़ युवाओं को 5 हजार के वेतनमान से स्थाई नौकरी दी जाएगी। मतलब प्रतिवर्ष 20 लाख नौजवानों को नौकरी दी जाएगी। जो अच्छे कॉलेज से पढ़े हैं, उन्हें भी 5000 रुपये दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हम कह सकते हैं कि यह बजट ऐसा है, जैसे किसी को कैंसर हुआ है तो बोलेंगे उसे बैंडेज लगाओ।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को भी समझ में नहीं आ रहा थी कि यह बजट किन के लिए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए कोई भी बातें नहीं हुई। इलाज महंगा होगा। सोना सस्ता। लोगों को कहा गया कि ज्यादा से ज्यादा मोबाइल खरीदें, क्योंकि उसमें दाम घटा दिया गया है। महंगाई को लेकर कोई बात नहीं की गयी। मिडल क्लास परिवार, जो कहीं शेयर, म्यूचुअल फंड में लगाते थे, उनको नसीहत दी गई।
उन्होंने कहा कि माध्यम वर्गीय लोगों के पॉकेट से और निकाले यह सरकार की देन है। झारखंड जैसा राज्य जो सबसे ज्यादा खनिज संपदा है, उसकी कोई चर्चा नहीं हुई। महाराष्ट्र, जो सबसे ज्यादा जीएसटी पे करता है, उसकी चर्चा नहीं थी। केवल और केवल आंध्र प्रदेश और बिहार और कुछ हद तक ओडिसा की चर्चा हुई। 10 साल से स्किल डेवलपमेंट और कौशल विकास चल रहा, लेकिन नौकरी नहीं है। सबसे ज्यादा रोजगार प्रदान करने वाले सेक्टर भी बिगड़ गया है।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह बजट खोदा पहाड़ और निकली चुहिया वाला है। फॉरेस्ट इन्वेस्टमेंट का जो कॉर्पोरेट टैक्स था, उसमें 10 % की छूट दे दी गई है। 20 प्रतिशत तक का इनकम टैक्स का स्लैब चल गया है। यह पूरा बजट बिना सोचे समझे बनाया गया है, जो 5 वर्षों में युवाओं को गर्त में भेजने, और अन्य क्षेत्रों में सिर्फ नुकसान होगा। यह इंडिया के किए नहीं, बल्कि एनडीए का बजट है। यह सिर्फ कुर्सी बचाने के लिए बजट है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पहली बार आए थे तो ग्राम गोद लिया था। उन गांव का क्या विकास हुआ है, यह सबको पता है। दूसरी बार आए तो एक्सप्रेशन डिस्ट्रिक्ट कहे थे। अब नया नाम आया है। नाम बदलने में मोदी जी का कोई टक्कर नहीं ले सकते हैं। ये लोग बौखलाए हुए हैं। भवनाथपुर की जनता इनलोगों को घुसने भी नहीं देगी।