भागलपुर : बिहार के भागलपुर में सरकारी पैसे की लूट हो रही है.
जिले में 150 मृत व्यक्तियों के नाम पर मनरेगा जॉब कार्ड बना है.
और उनके नाम पर लोगों को मजदूरी का पैसा मिल रहा है.
बताया जा रहा है कि लूट खसोट का खेल लगभग 2016 से जारी है.
मामला भागलपुर ज़िले के गोराडीह प्रखंड में मुरहन पंचायत की है.
मतदाताओं से अधिक जॉब कार्डधारियों की संख्या
केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी योजनाओं में मनरेगा शामिल है.
जब जॉब कार्ड के नामों का आकलन किया गया तब भागलपुर के गोराडीह प्रखंड के मुरहन गांव से
ग्रामीणों के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड के जरिए मजदूरी राशि में हुए भ्रष्टाचार का मामला सामने आया.
मनरेगा एक्ट के तहत किसी भी परिवार के एक ही सदस्य को जॉब कार्ड आवंटित किया जाना है.
लेकिन गोराडीह प्रखंड में गजब का खेला देखने को मिला.
जहां एक पंचायत में मतदाताओं से अधिक जॉब कार्डधारियों की संख्या है.
150 से भी ज्यादा मृत व्यक्तियों के नाम पर जॉब कार्ड
मुरहन पंचायत में वोटर की संख्या 4773 है, जबकि फैमेली जॉब कार्ड 5757 बनाया गया है. पंचायत में मजदूरों की संख्या 7400 से ज्यादा है. जिसके आंकड़े केंद्र सरकार के ऑफिशियल वेबसाइट पर प्रस्तुत किए गए हैं. आंकड़ों की मानें तो केवल मूरहन पंचायत में 150 से भी ज्यादा मृत व्यक्तियों के नाम पर जॉब कार्ड है और उन्हें अभी भी सरकारी धनराशि से मजदूरी प्राप्त हो रहा है. गौर करने वाली बात है की मनरेगा मृत व्यक्तियों को वेतन कैसे दे सकती है?
इन्होंने किया खुलासा
मनरेगा योजना का लाभ लेने वाले मृतक चमकलाल गोस्वामी के पुत्र पवन गोस्वामी ने बताया कि उनके पिता को मरे हुए 20 वर्ष हो चुके हैं. उनके स्वर्गीय पिता के नाम मनरेगा से पैसे का भुगतान हो रहा है, इसकी ज़रा भी जानकारी उन्हें नहीं है. वहीं इस पूरे मामले में हो रहे भ्रष्टाचार और अनियमितता में शिकायतकर्ता के रुप में आगे आने वाले चंद्रशेखर आजाद ने इसका खुलासा किया.
गोराडीह प्रखंड के अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि हैं दोषी- चंद्रशेखर
उन्होंने बताया कि पूरे मामले में दोषी गोराडीह प्रखंड के अधिकारी और यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि हैं. जिनकी निगरानी में यह भ्रष्टाचार का सारा खेल रचा गया है. आखिर कोई मृत व्यक्ति चार अलग अलग जगहों पर काम कैसे कर सकता है. मनरेगा योजना के तहत मुरहन जैसे छोटे पंचायत में करोड़ों रुपये के घोटाले में सरकार के आधिकारी, जनप्रतिनिधि संलिप्त हैं.
शिकायतकर्ता चंद्रशेखर ने की कार्रवाई की मांग
उस बाबत आजाद ने भागलपुर के जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शिकायत पत्र भेजा है. चंद्रशेखर ने छह वर्षों से हो रहे इस महाघोटाले में सरकार से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. भागलपुर के डीडीसी प्रतिभा रानी ने भी मामले के संदर्भ में जांच के लिए गोराडीह प्रखंड में डीआरडीए के डायरेक्टर प्रमोद पांडेय को जांच के लिए भेजा.
दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई- डीआरडीए डॉयरेक्टर
डीआरडीए के डॉयरेक्टर प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि गोराडीह में मनरेगा योजना के तहत चल रहे कार्यों में अनियमितता पाई गईं है. जहां नाले निर्माण होना था, वहां विगत दो वर्षों से न तो नाला बना है न ही नहर का कार्य हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि जॉबकार्ड मामले में भी भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है. जिसपर विभागीय स्तर से जांच की जा रही है. बहुत जल्द दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्ट: अंजनी