Dhanbad– Judge Utam Anand Murder case में दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. आज सीबीआई की विशेष अदालत में रजनीकांत पाठक की पीठ ने दोनों आरोपी राहुल वर्मा, लखन वर्मा यह सजा सुनाई. यह फैसला एक साल नौ दिन में आया. 28 जुलाई 2021 को ऑटो के जोरदार टक्कर से जज उत्तम आनन्द की मौत हुई थी. हालांकि जज उत्तम आनन्द के भाई न्यायालय के इस फैसले से संतुष्ट नहीं दिखे, उनके द्वारा मौत की सजा की मांग की गयी थी. इस बीच बचाव पक्ष के वकील ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.
Highlights
Judge Utam Anand murder case-एक नजर में
सुनवाई के दौरान सीबीआई के विशेष अभियोजक अमित जिंदल ने कहा कि न्यायधीश जैसे विशिष्ट पद पर बैठे व्यक्ति की हत्या विरल से विरलतम प्रकृति के अपराध की श्रेणी में आता है। दोनों आरोपियों राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा को सजा-ए-मौत देने की मांग की
वहीं दूसरी और बचाव पक्ष के अधिवक्ता कुमार विमलेंदु ने कहा कि दोनों कम उम्र के लड़के नशे के शिकार में उनसे या दुर्घटना हो गई है । उनका हत्या का इरादा नहीं था वह नहीं जानते थे कि वह जज है। इनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है , दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायाधीश श्री पाठक ने दोनों आरोपियों राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा को धारा 302/34 मे ताउम्र कैद एवं 25-25 हजार रुपए जुर्माना एवं , 201 मे सात वर्ष की कैद एवं 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सीबीआईपी पीपी ने की बहस
इस चर्चित मामले में सीबीआई की ओर से अभियोजन का संचालन सीबीआई के स्पेशल क्राइम ब्रांच दिल्ली के विशेष अभियोजक अमित जिंदल कर रहे थे । कोरोना पोजेटिव हो जाने के कारण शनिवार को उन्होंने अदालत में वीडियो कॉन्फसिंग के जरिए बहस की
सुनवाई के दौरान दोनों आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया। पेशी के दौरान दोनों के चेहरे पर घबराहट साफ दिख रही थी
अदालत के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं
अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद मृतक जज उत्तम आनंद के बहनोई विशाल आनंद ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें अदालत के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है लेकिन जब तक मास्टरमाइंड का पता नहीं चलेगा उनकी आत्मा को संतुष्टि नहीं मिलेगी ।
गुरुवार 28 जुलाई 22 को धनबाद के सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने दोनों आरोपी राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा को हत्या साक्ष्य छुपाने का दोषी करार दिया था तथा सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 6 अगस्त की तारीख निर्धारित की थी.
स्पिडी ट्रायल के बाद सजा का एलान
विशेष अदालत ने इस मामले का स्पीडी ट्रायल किया 22 फरवरी 22 को आरोप तय होने के बाद महज पांच महीने में 58 गवाहों का बयान दर्ज कर लिया। अदालत ने मंगलवार को सुनवाई के बाद 28 जुलाई 2022 की तारीख जजमेंट के लिए निर्धारित कर दी। सुनवाई के दौरान।सीबीआई के क्राइम ब्रांच के स्पेशल पी पी अमित जींदल ने आरोप पत्र के कुल 169 गवाहों में से 58 गवाहों का बयान दर्ज कराया था। सीबीआई ने दावा किया है कि आरोपित लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा ने जानबूझकर जज साहब को टक्कर मारी जिनसे उनकी मौत हुई. वहीं बचाव पक्ष ने इसे महज एक दुर्घटना बताया था. हालांकि यह सब अब अदालत के फैसले से आज साफ हो जाएगा कि न्यायाधीश की मौत हत्या थी या दुर्घटना
28 जुलाई 21 की सुबह हुई थी ऑटो से टक्कर
वह घर से सुबह की सैर पर निकले थे। धनबाद के रणधीर वर्मा चाैक पर 5: 8 मिनट पर एक ऑटो ने धक्का मार दिया। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। घटना का सीसीटीवी फुटेज देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि यह हादसा नहीं है। जज को जानबूझकर धक्का मारा गया। इस घटना को सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। झारखंड सरकार की अनुशंसा पर मामले की जांच की जिम्मेवारी सीबीआइ को साैंप दी गई।पहले झारखंड सरकार द्वारा गठित एसआइटी ने मामले की जांच की। इसके बाद 4 अगस्त 21 को सीबीआइ को जांच सौंप दी गई थी। 20 अक्टूबर को सीबीआई ने दोनों के विरुद्ध हत्या का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दायर कर दिया था। वही सीबीआई ने हत्या के अलावा ऑटो चोरी एवं मोबाइल चोरी की दो अलग एपआईआर दर्ज की थी.
रिपोर्ट- राजकुमार
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