जज उत्तम आनंद मौत मामला : FSL LAB में सुविधा नहीं होने पर हाईकोर्ट ने जताया दुख, कहा- क्या ऐसे ही चलती है सरकार ?

रांची : जज उत्तम आनंद मौत मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन की अदालत ने सीबीआई की जांच रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि जांच रिपोर्ट से पता चलता है कि ऑटो चालक ने जानबूझकर धक्का मारा है। ऐसा उसने नशे में नहीं किया है।

अदालत ने इस बात को लेकर भी नाराजगी जताई है कि घटना के समय वहां से गुजरने वाले बाइक सवार से पूछताछ में इस बात की जानकारी नहीं ली गई कि वह सही में घबराने की बीमारी है या सीबीआई ने सिर्फ उसके बयान को ही सही मान लिया। इस दौरान सीबीआई ने कहा कि वह तीन लोगों की पहचान में जुटी है, जिनकी गतिविधि संदिग्ध थी। सीबीआई सभी कड़ियों को जोड़ कर आगे बढ़ रही है ताकि षडयंत्र का खुलासा किया जा सके।

एफएसएल लैब में आउटसोर्स कर्मियों की कैसे हुई नियुक्ति

अदालत ने रांची एफएसएल लैब में सुविधा नहीं होने पर दुख जताया है। अदालत ने कहा कि लगता है कि सरकार हर संस्थान को ध्वस्त करना चाहती है। क्या ऐसे ही सरकार चलती है? क्या वेलफेयर स्टेट का यही काम है? अदालत ने इस बात को लेकर कड़ी नाराजगी जताई कि लैब में सारे काम गोपनीय होते हैं तो वहां आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति कैसे की जा सकती है? ऐसे में तो जांच की गोपनीयता कैसे रह पाएगी।

अदालत ने कहा कि राज्य के लिए एफएसएल लैब महत्वपूर्ण है और रिक्त पद पर को भरने में जेपीएससी इतना समय लगाती है। यह शर्म की बात है कि लैब 40 प्रतिशत से भी कम मैनपावर पर काम कर रही है। अदालत ने कहा कि जेपीएससी काम नहीं कर रही है।

रिपोर्ट : प्रोजेश

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