जेडीयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर आज मुहर लग सकती है। आज दिल्ली में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है।। इस बैठक में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली पहुंचे हैं। दरअसल पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह केंद्रीय कैबिनेट में शामिल हो गए हैं। इसके बाद से ही पार्टी को नए अध्यक्ष की तलाश है। बिहार में सत्ताधारी जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा इसका ऐलान आज होने की संभावना है। मौजूदा अध्यक्ष आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री पद संभालने के बाद पार्टी की जिम्मेदारी किसे सौंपी जाएगी? मौजूदा स्थिति को देखें तो इस पद की रेस में जो दो नाम सबसे आगे नजर आ रहे हैं, वो हैं जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और पार्टी के दिग्गज नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह।
शुक्रवार को बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र खत्म होते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली के लिए रवाना हो गए। आज दिल्ली में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही है। जेडीयू के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह, जो मोदी मंत्रिमंडल में इस्पात मंत्री का पद भी संभाल रहे हैं। आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वो अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते हैं। ऐसे में अगर नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने की बात आती है तो यह नीतीश कुमार के ऊपर निर्भर करेगा कि वह किसे पार्टी की कमान सौंपते है। अगर किसी कारणवश शनिवार को जेडीयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाता है, तो वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह को कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
नीतीश कुमार संगठन को मजबूत करने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं। ऐसे में जेडीयू अध्यक्ष को लेकर वो कोई जल्दबाजी भरा फैसला नहीं लेना चाहेंगे। सूत्रों के अनुसार, आरसीपी सिंह अगर अपने पद से हटते हैं तो उपेंद्र कुशवाहा इस पद की होड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। उन्होंने अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जेडीयू में विलय किया था। हालांकि, जेडीयू में एक वर्ग है जिसका मानना है कि अगर उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी का शीर्ष पद दिया जाता है तो पुराने नेताओं के बीच संदेश अच्छा नहीं जाएगा। जेडीयू पर जाति आधारित राजनीति करने के आरोप भी नहीं लगें, इसके लिए नीतीश कुमार इस बार ललन सिंह को पार्टी का अध्यक्ष पद सौंप सकते हैं। इस कदम के जरिए बिहार के सीएम एक साथ विरोधियों के साथ-साथ बिहार की जनता को कई संदेश दे सकते हैं।