लालजी यादव आ’त्मह’त्या मामला : हेमंत सरकार में यादव, मुस्लिम, दलित सुरक्षित नहीं, जानिए किसने लगाया आरोप

रांची : पलामू के नावाबाजार के पूर्व थाना प्रभारी लालजी यादव की आत्महत्या मामले पर बयानबाजी शुरू हो गया है. एक के बाद एक मामले पर नेताओं और संगठनों की प्रतिक्रिया आने लगी है. इसी क्रम में ओबीसी आरक्षण मंच ने प्रशासन पर बड़ा सवाल उठाते हुए हेमंत सरकार को घेरा है.

झारखण्ड ओबीसी आरक्षण मंच के केंद्रीय अध्यक्ष कैलाश यादव ने बुधवार को राज्य में महागठबंधन सरकार के प्रशासनिक कार्यशैली पर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का अधिकारियों पर प्रभाव खत्म हो रहा है. क्योंकि निरंतर राज्य के पिछड़े, दबे-कुचले लोगों पर प्रशासनिक प्रहार शुरू हो गया है. उन्होंने पलामू के अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुंठित मानसिकता के अधिकारी ने थानेदार लालजी यादव को 4 दिन पहले निलंबित कर दिया. निश्चित तौर पर लालजी यादव ने प्रशासनिक टॉर्चर से परेशान होकर आत्महत्या की होगी. वहीं सिमडेगा में लोगों द्वारा एक दलित को मार दिया गया. वहीं धनबाद में भी कुछ लोगों द्वारा एक मुस्लिम समाज के व्यक्ति को बेरहमी से पीट दिया.

केंद्रीय अध्यक्ष कैलाश यादव ने कहा कि हेमंत सरकार में यादव, मुस्लिम, दलित सुरक्षित नहीं है. जबकि महागठबंधन सरकार को बड़े पैमाने पर दलित, पिछड़े, अकलियत समाज के लोगों ने वोट देकर सरकार बनवाया था, लेकिन इस सरकार में प्रशासन बेलगाम हो गए हैं. उन्होंने ने मांग किया कि पूर्व थानेदार लालजी यादव की आत्महत्या और संजू प्रधान की हत्या पर उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठन कर दोषी लोगों पर कठोर कार्रवाई करे.

इससे पहले पलामू में पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दारोगा लालजी यादव के आत्महत्या पर कई सवाल उठाए और उच्च स्तरीय जांच की मांग की. वहीं सीएम हेमंत सोरेन पर पत्र भी लिखा है.

निलंबन के चार दिन बाद दारोगा ने की आत्महत्या

गौरतलब है कि पलामू जिले के नावाबाजार थाने के दारोगा लालजी यादव ने अपने सस्पेंशन के चार दिन बाद सोमवार की रात थाना परिसर में आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस उपमहानिरीक्षक राजकुमार लकड़ा व एसपी चंदन सिन्हा थाने में पहुंचे और कारणों की जांच शुरू की. इधर, आस-पास के लोग थाने के बाहर जमा हो गए और सस्पेंशन ऑर्डर जारी करने वाले एसपी सिन्हा के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. लोगों ने घंटों सड़क जाम रखा. कमरे से सुसाइड नोट भी नहीं मिला है. मूल रूप से साहिबगंज के रहनेवाले लालजी अपने पीछे पत्नी पूजा, दो छोटे बच्चे समेत भरा-पूरा छोड़ गए हैं.

क्यों हुआ था सस्पेंशन

5 जनवरी की रात पलामू के परिवहन पदाधिकारी अनवर हुसैन ने एसपी सिन्हा से शिकायत की थी कि जब्त वाहनों को नावाबाजार के थाना प्रभारी लालजी यादव नहीं ले रहे हैं. एसपी ने दारोगा लालजी को सहयोग का निर्देश दिया. फिर भी उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसके बाद एसपी ने छह जनवरी को दारोगा लालजी को सस्पेंड कर दिया.

रिपोर्ट : शाहनवाज

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