पलामू : राज्य सरकार के निर्देश पर एचडीएफसी ईरगो कंपनी द्वारा फसल बीमा योजना लागू की गई है। पलामू जिले में एक लाख 17 हजार किसानों को फसल बीमा का लाभ देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन प्रशासन को कुल तीन लाख 10 हजार आवेदन प्राप्त हुए। इस अनियमितता पर उपायुक्त (डीसी) शशिरंजन ने संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के आदेश दिए।
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डीसी की समीक्षा में पाया गया कि लक्ष्य से तीन गुना अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसके बाद एक लाख 75 हजार आवेदनों की जांच का निर्देश दिया गया था। सभी अंचल अधिकारियों (सीओ) को इन आवेदनों की जांच सौंपी गई, जिसमें से केवल 35 हजार आवेदन ही सही पाए गए। शेष 1.40 लाख आवेदन फर्जी निकले।
फर्जी आवेदनों में कई गड़बड़ियां उजागर
जांच में सामने आया कि 30 हजार आवेदन डुप्लीकेट थे। 29 हजार ऐसे किसान पाए गए, जिन्होंने पहले ही केसीसी ऋण ले रखा था और दोबारा फसल बीमा के लिए आवेदन कर दिया। इसके अलावा 200 किसानों ने अपनी वास्तविक भूमि से अधिक क्षेत्रफल का बीमा कराया था।
एक ही जमीन पर परिवार के अलग-अलग सदस्यों ने अलग-अलग बीमा करा लिया। कई मामलों में एक ही खेत के लिए कई बार बीमा करवाया गया। कुछ किसानों ने अपनी भूमि के वास्तविक क्षेत्रफल से ढाई गुना अधिक बीमा कराया।
डीसी ने दिए जांच के सख्त निर्देश
बुधवार को उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में इस मामले का खुलासा हुआ। डीसी ने निर्देश दिया कि शेष बचे आवेदनों की एक सप्ताह के भीतर जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
उल्लेखनीय है कि फसल बीमा योजना के तहत पहले चरण में 15 अगस्त से 31 अगस्त 2024 तक आवेदन लिए गए थे। बाद में इसकी समय-सीमा बढ़ाकर 15 सितंबर 2024 कर दी गई थी। अब इस योजना में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां सामने आने के बाद प्रशासन जांच में जुट गया है।