अहमदाबाद: 2008 में हुए 21 सीरियल बम धमाकों के मामले में 49 अभियुक्तों में से 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है. वहीं 11 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. साल 2008 अहमदाबाद ब्लास्ट केस में अदालत ने यह फैसला सुनाया है.देश के इतिहास में एक केस में पहली बार सबसे ज्यादा 38 लोंगों को फांसी की सजा सुनाई गई है. अहमदाबाद ब्लास्ट केस में 78 लोगों को आरोपी बनाया गया था. अदालत ने ब्लास्ट को युद्ध छेड़ने जैसा रेयरेस्ट आफ द रेयरेस्ट केस माना है. अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे. सीरियल बम ब्लास्ट में करीब 70 मिनट के भीतर 56 लोगों की मौत हुई थी. 200 से अधिक घायल हुए थे। सिटी सिविल एंड सेशन कोर्ट अहमदाबाद में 13 साल से भी ज्यादा समय तक मामला चलने के बाद गत सप्ताह 49 लोगों को दोषी ठहराया गया था। 28 अन्य को बरी कर दिया गया. सोमवार को अभियोजन पक्ष ने दलीलें खत्म की थीं. अहमदाबाद की अदालत ने 77 अभियुक्तों के खिलाफ पिछले साल सितंबर में मुकदमे की कार्यवाही खत्म की थी. विचाराधीन 78 आरोपियों में से एक सरकारी गवाह बन गया था. पुलिस का दावा है कि उक्त आरोपी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े हैं. आरोप था कि इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने 2002 में हुए गोधरा दंगे का प्रतिशोध लेने के लिए बम धमाके की साजिश रची थी. आजाद भारत के न्यायिक व्यवस्था के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी अदालत ने किसी एक मामले में इतनी बड़ी संख्या में लोगों को फांसी की सजा सुनाई हो.