कोरोना काल के बाद खुले स्कूल, बच्चों के खिले चेहरे
रांची : कोरोना काल के बाद खुले स्कूल, बच्चों के खिले चेहरे- रांची में
लगभग 2 साल के बाद बच्चों के लिए स्कूल खुल गया है.
इस दौरान स्कूल आने पर बच्चों में खुशी की लहर देखी गयी.
पहले दिन बच्चों की उपस्थिति कम देखी गयी.
बता दें कि कोरोना के मामले में लगातार बढ़ोतरी होने के बाद स्कूल बंद करा दिया गया था.
हालांकि कोरोना के मामलों में गिरावट होने के बाद रांची सहित 7 जिलों में स्कूल आज से खोल दी गई है.
प्राचार्य ने कहा कि सरकार की ओर से जो भी गाइडलाइंस मिली है उसके अनुसार ही स्कूल खुली है.
कोरोना को देखते हुए सारी तैयारियां पूरी हो गई है.
साथ ही स्कूल आने के लिए अभिभावक का सहमति पत्र अनिवार्य है.
बोकारो में कोरोना काल के बाद खुले स्कूल
बोकारो : कोरोना संक्रमण काल के दो वर्ष के बाद आज कक्षा 1 से 7 तक के स्कूल खुल गया है.
स्कूल में पहले दिन 90 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति रही.
स्कूल आने के बाद छात्र-छात्राओं के चेहरे में मुस्कान और खुशी साफ देखी जा सकती है. बच्चों के स्कूल आने से स्कूल के प्राचार्य और स्कूल प्रबंधन भी काफी खुश नजर आ रहे हैं. स्कूल आने वाले छात्रों का कहना है कि स्कूल नहीं आने से घर में मन नहीं लग रहा था. ऑनलाइन पढ़ाई में उतना समझ में नहीं आ रहा था. वैसे में आज विद्यालय आए हैं तो अपने दोस्तों के साथ मिलकर पढ़ाई करेंगे और बातें भी करेंगे. घर में रहने से अभिभावक की डांट भी सुननी पड़ती थी. साथ ही कहा कि शिक्षक के साथ 2 वर्षाें के बाद आमने-सामने पढ़ाई करेंगे. विद्यालय के प्राचार्य डॉ. अशोक झा ने बताया कि बच्चों के बिना स्कूल सूखे बगिया के समान है. जहां पूरा बगिया मुरझाया हुआ था. छात्र-छात्राएं अभी आए हैं तो स्कूल हरा-भरा लग रहा है. बच्चे काफी खुश भी नजर आ रहे हैं.
सिमडेगा में 2 वर्षों के बाद छोटे बच्चों का खुला विद्यालय
सिमडेगा : वैश्विक महामारी कोरोना के कारण करीब 2 वर्षों से छोटे बच्चों के विद्यालय बंद रहने से पठन-पाठन प्रभावित रहा. लेकिन झारखंड सरकार पिछले दिनों विद्यालय खोलने का निर्देश दिया. इस बीच राज्य के 7 जिलों में कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर विद्यालय को बंद रखने निर्देश दिया गया था.
आज से छोटे बच्चों के लिए भी विद्यालय पूरी तरह से खोल दिया गया है. जिसको लेकर बच्चों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. कुरडेग स्थित संत जॉन स्कूल में बच्चे काफी खुश नजर आए और लंबे समय के बाद विद्यालय आने से उनके चेहरे में एक अलग सी ही खुशी देखने को मिला. बच्चों का कहना था कि घर में मन नहीं लगता था. विद्यालय खुल जाने से अब हम अच्छे से पढ़ाई कर सकेंगे. संत जॉन स्कूल के प्रिंसिपल अजीत किंडो ने जानकारी देते हुए बताया कि 2 सालों तक विद्यालय बंद रहने से पठन-पाठन पूरी तरह से प्रभावित रही है. विद्यालय खुलने से अच्छे से पढ़ाई कर उज्जवल भविष्य बना सकेंगे.
रिपोर्ट – करिश्मा सिन्हा, चुमन कुमार, विकास