सुखदेव को छोड़ महेश की हुई चांदनी, नौ वर्षों की शादी शुदा जिंदगी पर भारी पड़ा दो माह का प्यार  

सुखदेव को छोड़ महेश की हुई चांदनी

 Begusarai- सुखदेव को छोड़ महेश की हुई चांदनी-आम तौर पर यह माना जाता है कि जीवन के हर बीतते पल के साथ आपके अन्दर की ख्वाहिशें दम तोड़ती जाती है. आप अपने सर्वस्व का त्याग कर बाल-बच्चों की दुनिया सजाने में लग जाते हैं, आपकी कोशिश एक-एक तिनका चुन कर उस आशियाने को बसाने की होती है, जहां आपके बाल-बच्चे अपनी बेहतर जिंदगी और सुकुन के पल बीता सकें.

व्याकरण की तरह जिंदगी के भी कई अपवाद है

लेकिन व्याकरण की तरह ही जिंदगी के इस व्याकरण में भी कई अपवाद है.

कभी यह अपवाद हाशिये पर खड़ा नजर आता है तो कभी यह मुख्यमार्ग पर भी अपनी कुलांचे भरने लगता है.

कुछ ऐसी ही एक घटना सामने आयी है सुदुरवर्ती बछबाड़ा थाना क्षेत्र के गोधना गांव की है,

जहां एक तीन बच्चों की मां अपनी बसी-बसायी दुनिया से बाहर निकल

अब अपने प्रेमी के साथ जीवन की नयी शुरुआत कर रही है.

बताया जाता है कि वर्ष 2013 में चांदनी देवी की शादी पूरे रीति-रिवाज और मंत्रोच्चार के साथ झड़ियां चौक

निवासी सुखदेव साह के साथ हुई थी. मंडप पर दोनों ने सात जन्मों तक साथ निभाने की कसमें खायी थी.

लेकिन तीन बच्चों तक जिंदगी आते-आते ही मंडप की कसमों ने अपना दम तोड़ दिया.

दो माह पहले चांदनी से हुई थी महेश की मुलाकात

दो माह पहले चांदनी की नजर फतेहा निवासी महेश से लड़ गयी. एक दूसरे के लिए दिल में कसक बढ़ती गयी.

रात  की निंद और दिन का चैन खोता गया. दोनों एक दूसरे की चाहत में बेकरार रहने लगें, एक दूसरे से मिलने की जुगत बिठाते रहते.  चोरी छुपे मिलने का दौर भी शुरु हो गया.

लेकिन एक कहावत है कि प्यार और खाज कभी छुपती नहीं, यह हर बीतते दिन के साथ और गहरा होता जाता है,

आप लाख कोशिश कर लें, लेकिन बेदर्द जमाने को इसकी खबर लग ही जाती है.

बीते बुधवार की रात को भी यही हुआ, दोनों की यह प्रेम कहानी जमाने के सामने आ गयी.

प्यार के दुश्मनों ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया, इसके बाद क्या था.

पंचायत में सुनाया गया शादी का फैसला 

गांव की पंचायत में दोनों को शादी करने का फरमान सुना दिया गया. निवर्तमान पति सुखदेव साह ने भी

मोबाइल पर इसकी सहमति प्रदान कर दी.

यहां यह भी बता दें कि चांदनी का पूर्व पति सुखदेव साह बाल-बच्चों की परवरिश के लिए किसी दूसरे राज्य

में दैनिक मजदूरी करता है. आखिरकार पंचायत प्रतिनिधियों की मौजूदगी में एक बार फिर से पूरे धूमधाम

और सभी धार्मिक अनुष्ठानों  का पालन करते हुए शादी रचाई गयी.

शादी के बाद चांदनी सुखदेव साह के सभी तीन बच्चों को छोड़ कर अपने नये पति महेश के साथ

एक नयी दुनिया बसाने के लिए निकल पड़ी.

जार-जार रो रही थी चांदनी 

वैसे यह भी एक सच्चाई है कि पंचायत का फैसला जो भी हो, चांदनी के लिए इतना आसान नहीं था इस नये रिश्ते को कबुलना,

उन तीन बच्चों की याद को अपने दिल से निकालना, जिसे उसने अपने सीने से लगा कर पाला पोसा था,

एक- एक पल जिसके लिए अब तक वह गुजारी थी.  लेकिन उसके सामने तो पंचायत का फैसला एक चट्टान की तरह खड़ा था.

जिसको नकारने की हैसियत उसमें नहीं थी.

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रिपोर्ट- सुमित

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