खतियानी झारखंडी पार्टी का गठन
Ranchi– खतियानी झारखंडी पार्टी – आखिरकार पूर्व झामुमो विधायक अमित महतो ने खतियानी झारखंड पार्टी
का गठन कर उस आग को हवा दे दी, जिसकी तपिस से आज झारखंड की राजनीति झुलस रही है.
अमित महतो अध्यक्ष और गीता श्री उरांव इसके महासचिव होगें.
भाषा आन्दोलन से शुरु हुई इस आग की चपेट में न सिर्फ झारखंड की दूसरी पार्टियां हैं,
बल्कि खुद झोमुमो भी इसकी चपेट से बाहर नहीं है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक लोबिन हेम्ब्रम और सीता सोरेन के स्वर भी बगावती है.
सीता सोरेन न सिर्फ 1932 का खतियान की बात उठा रही है बल्कि सरकार में भष्ट्राचार के मुद्दे
को लगातार बहस का मुद्दा बना रही है. लोबिन हेम्ब्रम ने तो यह घोषणा कर दी है कि जब
तक 1932 का खतियान लागू नहीं किया जाता तब तक वह अपने घर में कदम नहीं रखेंगे.
हर पार्टी ने हमें छला, अब हम लड़ेंगे खतियान आधारित नियोजन नीति की लड़ाई
खतियानी झारखंड पार्टी के गठन के अवसर पर अमित महतो और उनकी पत्नी और पूर्व विधायक सीमा महतो
ने इस नयी पार्टी के गठन की प्रासंगिकता को बताते हुए कहा कि आज झारखंड की जनता
हर राजनीतिक पार्टी से छला हुई महसूस कर रही है.
किसी भी पार्टी ने आदिवासी-मूलवासियों की आकांक्षाओं का सम्मान नहीं किया, किसी ने भी
उसकी जरुरतों के मुताबिक नीतियों का निर्माण की कोशिश नहीं की, हर पार्टी ने झारखंड की जनता को छला.
यही कारण है कि आज हमें खतियानी झारखंड पार्टी का गठन करना पड़ रहा है.
गीताश्री उरांव का झारखंड खतियानी पार्टी से इस्तीफा, लेकिन जारी रहेगी 1932 के खतियान की लड़ाई