गीताश्री उरांव का झारखंड खतियानी पार्टी से इस्तीफा, लेकिन जारी रहेगी 1932 के खतियान की लड़ाई

Ranchi-1392 के खतियान को आधार बना कर नियोजन नीति बनाने की मांग लेकर गठित किया गया

(Jharkhand Khatiani Party) झारखंड खतियानी पार्टी  अपने अंजाम तक पहुंचने के पहले ही विखरता नजर आ रहा है.

आपसी सहमति और पारदर्शिता के अभाव का आरोप लगाते हुए महासचिव गीताश्री उरांव ने इस्तीफा दे दिया है.

गीताश्री उरांव ने कहा है कि अमित महतो की पार्टी में रहकर मैं अपने आप को असहज महसूस कर रही थी.

महासचिव बनाने के पहले भी मेरी सहमति नहीं ली गयी,

बगैर लोगों की सहभागिता के आनन-फानन में पार्टी का गठन कर दिया गया.

उस समय भी मेरा मानना था कि पार्टी गठन के पहले इस मुवमेंट के साथ खड़े और अलग-अलग इलाकों में

सक्रिय लोगों की सहभागिता सुनिश्चित होने के बाद ही पार्टी का गठन किया जाए.

हेमंत सोरेन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए गीताश्री उरांव ने कहा कि कल तक 1932 का खतियान

की बात  करने वालों  ने अचानक से यू टर्न ले लिया.

अब उनके द्वारा यह कहा  जा रहा है कि इस आधार पर नियोजन नीति की बनाने पर मामला कोर्ट में लटक सकता है.

सवाल कोर्ट में लटकने का नहीं, सवाल हिम्मत दिखलाने का है. मुख्यमंत्री इस मामले में अपना हिम्मत दिखलाएं,

यह मामला कोर्ट में लटकने या फंसने वाला नहीं है.

लेकिन दुर्भाग्य यह है कि मुख्यमंत्री गलत लोगों से घिरे हुए है.

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