राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव हुआ: मुंडा

रांची: भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर राष्ट्रपति को पाकर हमसभी अत्यंत आह्लादित हैं. भारत सरकार के जनजातीय मंत्रालय के मंत्री के रूप में राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है. आपके आगमन से हमसभी गौरवान्वित हैं. यह धरती भगवान बिरसा मुंडा की धरती है.

राष्ट्रपति के खुंटी आगमन पर बात करते हुए मंत्री अर्जुन मुंडा ने आगे कहा कि महिलाएं सशक्त हो यह जनजातीय मंत्रालय का मूलमंत्र है. सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर सुदूर के क्षेत्रों में महिलाओं के विकास के लिए काम किया जा रहा है. स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और जीवनयापन में कैसे वृद्धि हो यह मंत्रालय कर रहा है. हम इस अभियान को आंदोलन का रूप देंगे.

भगवान बिरसा मुंडा आंदोलन के समय अंग्रेजों ने यहां के लोगों के हिसाब से कानून बनाने के लिए बाध्य किया. उन्ही के आंदोलन के फलस्वरूप सीएनटी एक्ट बना. खूंटी के 254 गांव को आदर्श ग्राम बनाने का निर्णय लिया है. 256 गांवों को खूंटकट्टी कहते हैं. भारत सरकार ने समस्त गांवों को वन क्षेत्र के प्रबंधन और संरक्षण की जिम्मेवारी दी है. जो क़ानून अंग्रेजों के समय बनाया गया उसे संरक्षित करने का प्रयास भारत सरकार कर रही है.

इसी में फारेस्ट राइट एक्ट भी है और इसे पुनः संरक्षित करने का काम भारत सरकार कर रही है. हाई कोर्ट ने भी कहा था कि जंगल के प्रबंधन का अधिकार वहां रहनेवाले लोगों का है और भारत सरकार इसपर काम कर रही हैं. रोजगार के साथ सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने की जरूरत है. राष्ट्रपति को महिलाओं ने वनोपज दिया यह इसलिए भी है कि इन आदिवासी महिलाओं के बच्चे को भी न्याय मिले.

ट्रिपल आईटी में उनके भी बच्चे पढ़ें. नई शिक्षा नीति में क्षेत्रीय भाषाओं को प्राथमिकता दी गयी है. 71 एकलव्य मॉडल स्कूल दिया गया. यह जल्द से जल्द शुरू हो यह राज्य सरकार तय करे. हमारी पहचान जल, जंगल और जमीन है. बिरसा मुंडा का बलिदान भी जल, जंगल, जमीन के लिए हुआ.

 

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