Sunday, August 3, 2025

Related Posts

युवा पीढ़ी को धरोहरों से रूबरू कराने के लिए बिहार संग्रहालय में विशेष कार्यक्रम, जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व धरोहर दिवस

पटना : युवा पीढ़ी को धरोहरों से रूबरू कराने के लिए बिहार संग्रहालय में विशेष कार्यक्रम- विश्व धरोहर दिवस के

अवसर पर राजधानी पटना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले

बिहार संग्रहालय में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.

बिहार संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि

विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर 3 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है.

पटना के शास्त्री नगर स्थित सरकारी विद्यालय की छात्राओं एवं किलकारी की छात्राओं को

धरोहरों के बारे में जानकारी दी गई एवं म्यूजियम का भ्रमण करवाया गया.

ताकि वह यहां पर चीजों को देख सकें और अपनी धरोहरों के बारे में जानकारी हासिल कर सकें.

वहीं पारंपरिक कला एवं शिल्प कार्यशाला का भी आयोजन किया गया है.

आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है

जिसमें अलग-अलग दिन सभी को अलग-अलग जानकारियां दी जाएंगी.

युवा पीढ़ी को धरोहरों से रूबरू कराने के लिए बिहार संग्रहालय में विशेष कार्यक्रम, जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व धरोहर दिवस

स्वर्णिम इतिहास और निर्माण को बचाए रखना जरूरी

दुनियाभर में कई ऐसी विश्व विरासत या धरोहरें हैं जो वक्त के साथ जर्जर होती जा रही हैं. इन विरासतों के स्वर्णिम इतिहास और इनके निर्माण को बचाए रखने के लिए विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है. दरअसल, सालों पहले हुए निर्माण वक्त के साथ बूढ़े होने लगते हैं. ऐसे में जरूरी है कि वह अपनी निर्मित स्थिति में बने रहें और उनकी जर्जर होती अवस्था को सुधारकर सालों साल उसी स्थिति में बरकरार रखा जाए.

इसलिए विश्व धरोहर दिवस मनाकर इस उद्देश्य को बरकरार रखा जाता है. यह दिन हर उस देश के लिए खास है जो अपनी संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहरों, यूनिक निर्माण शैली, इमारतों और स्मारकों की खूबसूरती को बरकरार रखना चाहता है और आने वाली हर पीढ़ी को इनके महत्व के बारे में बताना चाहता है. दुनिया में कई सारी विश्व धरोहरें हैं. यूनेस्को हर साल लगभग 25 धरोहर को विश्व विरासत की लिस्ट में शामिल करता है, ताकि उन धरोहरों का संरक्षण किया जा सके.

विश्व धरोहर दिवस का महत्व

बात करें विश्व धरोहर दिवस के महत्व की तो हर देश का अपने अतीत और उस अतीत से जुड़ी कई सारी गौरव गाथा है. इन गौरव गाथा की कहानी बयां करती हैं वहां स्थित तात्कालिक समय के स्मारक और धरोहरें. युद्ध, महापुरुष, हार-जीत, कला, संस्कृति आदि को इतिहास के पन्नों पर दर्ज करने के साथ ही उनके सबूत के तौर पर इन स्थलों को सदैव जीवित रहना जरूरी है.

कई संगठन धरोहरों के संरक्षण पर कर रहे काम

दुनियाभर में बहुत सारे संगठन हैं, जो धरोहरों के संरक्षण पर काम कर रहे हैं. विश्व विरासत दिवस को यह संगठन अपने अपने तरीके से मनाते हैं. हेरिटेज वॉक और फोटो वॉक आदि का इस दिन आयोजन होता है. लोग धरोहरों की यात्रा पर जाते हैं. उनके संरक्षण की शपथ लेते हैं. लोगों को उनके देश की धरोहरों को लेकर जागरूक किया जाता है.

रिपोर्ट: प्रणव राज

127,000FansLike
22,000FollowersFollow
587FollowersFollow
562,000SubscribersSubscribe