पटना : शराबबंदी कानून पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के बयान के बाद बिहार में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के बयान से मुख्यमंत्री को सबक लेना चाहिए. नीतीश कुमार सिर्फ अपनी जिद्द अड़े है.
जबकि जदयू और भाजपा की ओर से प्रवक्ताओं की टीम बिहार सरकार के बचाव में उतर गई. सरकार की ओर से कहा गया कि
शराबबंदी के मामलों का निष्पादन के लिए बिहार सरकार में स्पेशल कोर्ट बनाया है.
बता दें कि सीजेआई एनवी रमन्ना ने विजयवाड़ा में लॉ कॉलेज में ‘भारतीय न्यायपालिका भविष्य की चुनौतियां’ विषय पर बोलते हुए कहा था कि कानूनों को पारित करने से पहले उसके प्रभाव का मूल्यांकन और संवैधानिकता की बुनियादी जांच की जानी चाहिए. बिहार में जारी शराबबंदी कानून के मसौदे को दूरदर्शिता की कमी का उदाहरण बताया था. सीजेआई एनवी रमन्ना ने कहा कि कानून बनाने में अगर दूरदर्शिता की कमी होगी तो इसका दुष्परिणाम अदालतों के काम-काज पर पड़ता है. ऐसा लगता है कि विधायिका संसद की स्थायी समिति प्रणाली का उचित उपयोग करने में सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा था, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि यह बदलेगा क्योंकि इस तरह की जांच से कानून की गुणवत्ता में सुधार होगी.
रिपोर्ट : शक्ति
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