पटना : बिहार में आरआरबी एनटीपीसी (RRB NTPC) परीक्षा में धांधली के आरोप के बाद लगातार प्रदर्शन जारी है. रेलवे भर्ती बोर्ड के एनटीपीसी (RRB NTPC) चरण 1 परीक्षा परिणाम में कथित अनियमितताओं के विरोध में AISF, AIYF, SFI, DYFI संगठनों ने शुक्रवार को बिहार बंद का आह्वान किया है.
छात्रों के आंदोलन के समर्थन में कुल 4 छात्र संगठनों (AISF, AIYF, SFI, DYFI) ने बिहार बंद का एलान किया है. आज इस संबंध में चारों छात्र संगठन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि जिस तरह किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार को झुकना पड़ा, उसी तरह छात्रों के आंदोलन के आगे भी केंद्र सरकार को झुकना पड़ेगा.
छात्रों के हित में जारी रहेगा आंदोलन
छात्र संगठन ने कहा कि कल केंद्रीय कार्यालय पर प्रदर्शन होगा रोड जाम होगा और यह सब शांति पूर्वक होगा. छात्र संघ ने रेल मंत्रालय से मांग किया है कि छात्रों की जो भी मांग है उस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए छात्रों की समस्या का समाधान करें, नहीं तो छात्रों के हित में आंदोलन लगातार जारी रहेगा. वहीं छात्रों के निकायों ने छात्रों की चिंताओं को देखने के लिए एक समिति बनाने के लिए रेल मंत्रालय के कदम को एक धोखा करार दिया.
बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं युवा
दरअसल, अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) और अन्य युवा संगठनों ने एक प्रेस बयान करते हुए कहा कि मंत्रालय द्वारा गठित समिति इस मामले को उत्तर प्रदेश में चुनाव तक स्थगित करने की एक ”साजिश” है. इस दौरान उन्होंने सरकार के आश्वासन के बावजूद झुकने से इनकार कर दिया है. साथ ही कहा है कि यह छात्र युवाओं का एक बड़ा आंदोलन है, जो तेजी से पैदा हो रही बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं. बता दें कि रेल मंत्रालय ने नौकरी के आवेदकों द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए हाई लेवल समिति का गठन किया था. वहीं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पैनल 4 मार्च से पहले अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. ऐसे में अगले महीने होने वाली छज्च्ब् परीक्षाओं को स्थगित करते हुए, केंद्र सरकार ने नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को अपनी चिंताओं को प्रस्तुत करने के लिए 3 हफ्ते यानि कि आगामी (16 फरवरी तक) का समय दिया है.
छात्र संगठनों ने सरकार से पूछा
छात्र संगठनों ने कहा कि प्रत्येक साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा करने वाली मोदी सरकार और 19 लाख रोजगार देने का वादा करने वाली नीतीश सरकार बताए कि उसने छात्र-युवाओं के लिए अबतक क्या किया है? रोजगार के नए सृजन की बजाए उसमें लगातार हो रही कटौती ने आज छात्र-युवाओं की जिंदगी व भविष्य को पूरी तरह से अधर में लटका दिया है.
मांगों पर हो अविलंब सुनवाई
पहले के नोटिफिकेशन में इस परीक्षा में केवल पीटी परीक्षा लेने की बात कही गई थी, लेकिन अब एक तुगलकी फरमान निकालकर दो परीक्षाओं को आयोजित करने की बात कही जा रही है. उन्होंने कहा कि आइसा-इनौस इस आंदोलन का हर तरह से समर्थन करती है और सरकार से आग्रह करती है कि वह इन अभ्यर्थियों की मांगों पर अविलंब सुनवाई करे.
रिपोर्ट : रॉबिन