Jharkhand Religious Place, Anjandham
Gumla–Jharkhand Religious Place, Anjandham- जिला मुख्यायल गुमला से 21 किलोमीटर की दूरी पर आंजन पहाड़ी में स्थित आंजनधाम. स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यहीं हनुमान जी का जन्म हुआ था. झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश से यहां लोग पूजा-अर्चना के लिए जुटते हैं, रामनवमी के अवसर पर लोगों का आगवान कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है. पूरा क्षेत्र राम नाम की गुंज से गूंजता रहता है.
कोरोना के कारण कम हो गया था श्रद्धालुओं का आगमन
कोरोना के कारण कुछ दिनों से भक्तों का आगमन कुछ कम गया था, लेकिन कोरोना की लहर कम होती है, एक बार श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी है. बताया जाता है कि इसी पहाड़ी की चोटी पर स्थित गुफा में माता अंजनी के गर्भ से भगवान शिव के 12वें के रूप के रुप में हनुमान जी का जन्म हुआ था. यहां आज भी अंजनी माता की मूर्ति विद्यमान है.
एक विशाल पत्थर से बंद कर दिया गया था गुफा का द्वार
अंजनी माता जिस गुफा में निवास करती थी. उसका प्रवेश द्वार एक विशाल पत्थर की चट्टान से बंद कर दिया गया था. कुछ साल पहले एक खुदाई के दौरान इसे खोला गया. कहा जाता है कि गुफा की लंबाई 1500 फीट से अधिक है. इसी गुफा से माता अंजनी खटवा नदी तक जाती थीं और स्नान कर लौट आती थीं.
खटवा नदी में एक अंधेरी सुरंग आंजन गुफा तक जाता है
खटवा नदी में एक अंधेरी सुरंग है,जो आंजन गुफा तक ले जाता है. लेकिन,किसी का साहस नहीं होता है कि इस सुरंग से आगे बढ़ा जाये, क्योंकि यह काफी दुर्गम गुफा है.
जनश्रुति के अनुसार,एक बार कुछ लोगों ने माता अंजनी को प्रसन्न करने के मकसद से अंजनी की गुफा के समक्ष बकरे की बलि दे दी. जिससे माता रुष्ठ होकर गुफा के द्वार को हमेशा के लिए चट्टान से बंद कर ली थी.
विकास की वाट जोह रहा है आंजन धाम
लेकिन अब गुफा खुलने से श्रद्धालुओं के लिए यह मुख्य दर्शनीय स्थल बन गया है. लेकिन आज भी आंजन धाम विकास की बाट जोह रहा है. कुछ वर्षों से जिला प्रशासन और राज्य सरकार इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की पहल कर रही है.
आज शनिवार को चैत पूर्णिमा पर हनुमान जन्म उत्सव पर सुबह से ही पूजा और दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्तों का तांता लगा हुआ है. स्थानीय मंदिर विकास समिति द्वारा विशेष सामूहिक पूजा, आरती ,हनुमान चालीसा पाठ व महाभंडारा का आयोजन किया गया है, जहां हजारों की संख्या में भक्त पहुंच प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं.
रिपोर्ट- रणधीर निधी