जनार्दन सिंह की रिपोर्ट
प्रयागराज : महाकुंभ 2025 में कमला बनीं लॉरेन पॉवेल, मिला सनातनी गोत्र भी। आज सोमवार 13 जनवरी पौष पूर्णिमा के शुरूआत के साथ ही 45 दिवसीय महाकुंभ 2025 के हुए शुभारंभ के समय संगम तट पर पहुंचे श्रद्धालुओं – तीर्थयात्रियों में एक महिला शख्सियत ने समूची मीडिया का ध्यान अपनी ओर बरबस की आकृष्ट किया।
गेरुआ वस्त्र धारी यह विदेशी महिला महाकुंभ 2025 में आकर ‘कमला’ बन गई हैं। इनकी असल पहचान से आज की युवा पीढ़ी वाकिफ है लेकिन इनके महाकुंभ में बदले ‘कमला’ के स्वरूप से नहीं। apple कंपनी के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल। इन्हें महाकुंभ 2025 में पहुंचने पर महीने भर के कल्पवास के नए सनातनी नाम के साथ सनातनी गोत्र भी मिला है।
‘कमला’ बनीं लॉरेन पॉवेल ने संगम से पहले काशी विश्वनाथ का किया दर्शन -पूजन
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, apple कंपनी के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल महाकुंभ 2025 में कल्पवास के लिए बतौर प्रथम यजमान शामिल होने से पहले बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी यानी वाराणसी भी पहुंची। वहां भगवान काल भैरव, बाबा काशी विश्वनाथ, माता अन्नपूर्णा के दर्शन-पूजन किया। वाराणसी में ‘कमला’ बनीं लॉरेन पॉवेल गुलाबी सूट और सफेद दुपट्टे में नजर आई थीं।
वहां उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना की थी एवं वाराणसी में ‘कमला’ बनीं लॉरेन पॉवेल को अपने गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरी के साथ ही काशी विश्वनाथ में पूजा करते हुए देखा गया था। महाकुंभ में लॉरेन जॉब्स के आगमन पर पुजारी ने कहा कि उन्हें मंदिर के बाहर से शिवलिंग के दर्शन कराए गए क्योंकि किसी अन्य हिंदू को भगवान शिव के पवित्र प्रतीक को छूने की अनुमति नहीं है।
भारतीय परिधान (गुलाबी सूट और सिर पर सफेद दुपट्टा) पहने लॉरेन ने काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के बाहर से पूजा-अर्चना की। वाराणसी में दर्शन पूजन के बाद ‘कमला’ बनीं लॉरेन पॉवेल सीधे प्रयागराज में संगम तट पर बने महाकुंभनगर पहुंचीं।

संन्यासी का भेष धारण करके पहुंची महाकुंभ 2025 के लिए संगम तट पहुंचीं ‘कमला’ बनीं लॉरेन पॉवेल
महाकुंभ 2025 में पूरे सनातनी विधि-विधान से भागीदारी करने के लिए प्रयागराज के संगम तट पहुंचीं ‘कमला’ बनीं लॉरेन पॉवेल अकेले नहीं आई हैं। महाकुंभ 2025 में कल्पवास के लिए पधारीं कमला’ बनीं लॉरेन पॉवेल के साथ उनकी अपनी 40 लोगों की पूरी टीम है। बताया जा रहा है कि महाकुंभ में शामिल होने के बीच में वह अमेरिका में होने वाले नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने को भी जाएंगी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बीते शनिवार को प्रयागराज में अपने गुरु, स्वामी कैलाशानंद गिरि, निरंजिनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के आश्रम पहुंचीं। वह 15 जनवरी तक शिविर में रहेंगी और उसके बाद अमेरिका वापस लौटकर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेंगी। वह भगवा चोला पहने और रुद्राक्ष की माला लिए नजर आ रही हैं।
दुनिया के सबसे धनी परिवारों में से एक से ताल्लुक रखने वाली लॉरेन महाकुंभ के दौरान संन्यासी की तरह रहेंगी। वो शाही स्नान (14 जनवरी) और मौनी अमावस्या (29 जनवरी) के दौरान शाही स्नान करेंगी।। यहां लॉरेन पॉवेल कल्पवास करेंगी और साथ ही साधुओं की संगत में रहकर सादगी वाला जीवन व्यतीत करेंगी।

सनातन धर्म में काफी गहरी आस्था रखती हैं ‘कमला’ बनीं लॉरेन पॉवेल, मिला अच्युत-गोत्र …
मिली आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, ‘कमला’ बनीं लॉरेन पॉवेल को सनातन धर्म में आने के बाद अच्युत-गोत्र दिया गया है। इसके साथ ही उनका नाम भी लॉरेन पॉवेल से कमला रखा गया है। बताया जा रहा है कि कमला बनीं लॉरेन पॉवेल सनातन धर्म में काफी गहरी आस्था रखती हैं। इसके साथ ही वह गुरु स्वामी कैलाशानंद को न सिर्फ अपना गुरु, बल्कि वह उन्हें अपने पिता के समान मानती और समझती हैं।
गुरु स्वामी कैलाशानंद भी ने भी लॉरेन पॉवेल को अपनी बेटी बताया और कहा किवह भी उन्हें अपनी बेटी की तरह से ही मानते हैं।
बकौल स्वामी कैलाशानंद गिरी – ‘…लॉरेन मेरी बेटी जैसी हैं। उनके दूसरी बार भारत आने और कुंभ में उनका स्वागत है। वह ध्यान लगाने के लिए भारत आई हैं। वह पहले शाही स्नान और मौनी अमावस्या के मौके पर महाकुंभ में शाही स्नान भी करेंगी।
…एक स्नान 14 जनवरी और दूसरा 29 जनवरी को होगा। ऐसे में वह तब तक यहीं रहेंगी। लॉरेन पॉवेल यानी कमला ध्यान लगाने के लिए भारत आईं हैं। उन्हें अखाड़े की पेशवाई रस्म में शामिल किया जाएगा’।
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