रांची: निवेश और डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर लोगों से ठगी करने वाले चाइना नेटवर्क गिरोह के स्थानीय मुख्य सरगना सन्नी यादव को शुक्रवार को उसके घर से गिरफ्तार किया गया। वह रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र का निवासी है और लंबे समय से फरार चल रहा था। उसके मौजूद होने की गुप्त सूचना मिलने पर सीआईडी की साइबर थाना टीम ने छापेमारी कर उसे दबोच लिया।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से एक मोबाइल, दो सिम कार्ड, तीन एटीएम कार्ड, एक पासबुक और 32,500 रुपये नकद बरामद किए। जांच में पता चला कि वह देशभर में फैले इस गिरोह के जरिए निवेश घोटाले और डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी में सक्रिय था। गिरोह अब तक 60 म्यूल बैंक खातों का इस्तेमाल साइबर फ्रॉड से प्राप्त रकम ट्रांसफर करने में कर चुका है, जिससे जुड़े 68 मामले नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज हैं।
गिरोह टेलीग्राम के माध्यम से एक एप्लीकेशन (APK फाइल) भेजता था, जिसे पीड़ित के बैंक से जुड़े सिम कार्ड में इंस्टॉल कराया जाता था। इसके बाद यह एप्लीकेशन ओटीपी और बैंक अलर्ट्स को स्वचालित रूप से चीन स्थित सर्वर पर भेज देती थी। वहां से अपराधी पीड़ित के बैंक खातों का रिमोट एक्सेस लेकर करोड़ों रुपये की ठगी करते थे।
झारखंड पुलिस की साइबर थाना ने 4 जुलाई 2025 को देश में पहली बार इस तरह के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पर्दाफाश किया था। उस समय रांची के ओलिव गार्डन होटल से सिवान, नालंदा, नवादा, पटना और मध्यप्रदेश के सात एजेंटों को गिरफ्तार किया गया था।