डिजीटल डेस्क : Loksabha Election 2024 के लिए भाजपा ने उत्तर प्रदेश के दो हॉट सीट कैसरंगज और रायबरेली से ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह की जगह उनके बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दिया है जबकि रायबरेली से यूपी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को उतारा गया है।
पिछले लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी से हार गए थे दिनेश सिंह
भाजपा ने गत बार 2019 के लोकसभा चुनाव में दिनेश सिंह को रायबरेली लोकसभा सीट से ही मैदान में उतारा था। तब दिनेश को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। वह अभी योगी सरकार में मंत्री भी हैं लेकिन कभी वो सोनिया गांधी के करीबी नेता हुआ करते थे। टिकट घोषित होने पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व ने मुझपर भरोसा किया है और विश्वास दिलाना चाहता हूं कि रायबरेली में कमल खिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि कैसे दुःख में शामिल हुआ जाता है, यह मैं जानता हूं और मैं गांधी परिवार में नहीं पैदा हुआ हूं लेकिन गरीब का दुःख कैसे बांटा जा सकता है यह दिनेश सिंह भली भांति जानता है। इसी के साथ उन्होंने दावा किया रायबरेली से नकली गांधी की विदाई तय है। कांग्रेस अपने पत्ते खोले या न खोले लेकिन जो भी हो उनका हारना तय है।गांधी परिवार से कोई भी आए रायबरेली में हारकर जायेगा।
करण भूषण अभी हैं उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष
कैसरगंज से भाजपा प्रत्याशी घोषित हुए करण भूषण सिंह बृजभूषण शरण सिंह के छोटे बेटे हैं। वह डबल ट्रैप शूटिंग के नेशनल खिलाड़ी भी रह चुके हैं। इस समय वह उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। एक तरह से करण की राजनीति में एंट्री है और यह एंट्री पिता की सीट से हो रही है। बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज सीट से लगातार तीन बार से सांसद रहे हैं। राष्ट्रीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कई महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है और उनके खिलाफ यौन शोषण के केस भी दर्ज कराए हैं। उसमें एक नाबालिग महिला पहलवान भी शामिल थी। हालांकि, बाद में वो अपने बयान से मुकर गई। यह मामला अदालत में लंबित है। इन आरोपों की वजह से ही भाजपा उनको टिकट देने में कतरा रही थी क्योंकि यह भी डर था कि विपक्षी पार्टियां कहीं इसको चुनावी मुद्दा न बना दें। ऐसे में भाजपा ने बृजभूषण सिंह की जगह उनके बेटे करण को टिकट देना ज्यादा बेहतर और उचित समझा।
दिन में ही मिल गए थे कैसगंज के लिए संकेत, करण भूषण ने खरीदे थे नामांकन के चार सेट
Loksabha Election 2024 5th Phase के लिए उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट पर बना सस्पेंस गुरूवार दोपहर तक काफी कुछ साफ हो गया था। कैसरगंज लोकसभा सीट पर पांचवें चरण में वोटिंग होनी है। 20 मई को वोट डाले जाएंगे। यहां नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 3 मई है। करण भूषण सिंह ने लोकसभा कैसरगंज से चार सेट फार्म लिया गया। ये जानकारी भाजपा की तरफ से दी गई है। इस बीच भाजपा शीर्ष नेतृत्व से बृजभूषण सिंह की कैसरगंज लोकसभा सीट पर उम्मीदवारी को लेकर मोबाइल पर बात हुई। टिकट का आश्वासन मिलने के बाद करन भूषण ने अपने पिता व वर्तमान सांसद बृजभूषण शरण सिंह से आशीर्वाद लिया और उनके पैर छुए। आशीर्वाद लेने के दौरान बृजभूषण ने अपने समर्थकों से करण भूषण सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने की बात बताई और क्षेत्र में प्रचार करने की बात कही। करन भूषण शुक्रवार सुबह 11.00 बजे नामांकन दाखिल करेंगे। पांचवे चरण में यूपी में मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा में मतदान होगा। करण भूषण सिंह भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के छोटे बेटे हैं। बड़े बेटे प्रतीक भाजपा से विधायक हैं। बता दें कि बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों से यौन शोषण नाम के आरोप लगे हैं, जिसके चलते भाजपा उन्हें टिकट देकर कोई रिस्क लेने से बच रही है।
बृजभूषण बोले – भाजपा एक घंटा पहले भी टिकट दे तो दिल्ली पहुंचेंगे
कैसरगंज सीट पर बृजभूषण की मजबूत पकड़ है। ऐसे में पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा उनके किसी परिजन को टिकट दे सकती है। बृजभूषण खुद भी चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन महिला पहलवानों द्वारा गंभीर आरोप लगाए जाने से उनकी उम्मीदवारी खतरे में पड़ गई। बीते दिनों सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने बयान दिया था कि कैसरगंज का नाम हिन्दुस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में महक रहा है। जहां तक टिकट की बात है तो हमारे क्षेत्र में कार्यकर्ता चैतन्य हैं, पार्टी चुप है। बरात सजी है, लेकिन दूल्हा गायब है। लेकिन मेरा दावा है कि यदि भाजपा नेतृत्व एक घंटा पहले भी घोषित कर देगी तो बड़ी जीत के साथ दिल्ली पहुंचेंगे। उन्होंने कहा था कि प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व यहां के कार्यकर्ताओं की भावनाओं का ख्याल जरूर रखेगा। इसी क्रम में अब साफ है कि भाजपा ने उन्हें तो नहीं लेकिन उनके बेटे को टिकट दे दिया।
लगातार अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं बृजभूषण
कैसरगंज सीट से दोबारा मैदान में उतारने के फैसले में देरी के लिए उन्होंने मीडिया को जिम्मेदार ठहराया था। टिकट में हो रही देरी पर उन्होंने कहा था कि ये मेरी चिंता है, न कि आपकी (मीडिया की)। आपकी (मीडिया की) वजह से मेरे टिकट में देरी हो रही है। उन्होंने ईद के मौके पर मुस्लिम समुदाय के नेताओं से मुलाकात की थी और उन्हें बधाई दी थी। मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक को लेकर उन्होंने कहा था कि मैं धर्म की राजनीति में विश्वास नहीं करता। मुसलमानों के पास जाना और उनके त्योहारों पर उन्हें बधाई देना कोई अपराध नहीं है। उन्होंने कहा था कि उनके हर पार्टी के नेताओं से अच्छे संबंध हैं। मुलायम सिंह यादव से हमेशा सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं, भले ही वह अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद गिरफ्तार होने वाले पहले लोगों में से एक थे। बृजभूषण सिंह के इस बयान को भाजपा के लिए एक चेतावनी के तौर देखा गया। वह लगातार अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं और मतदाताओं से वोट देने की अपील कर रहे हैं। उन पर बिना इजाजत के लोकसभा क्षेत्र में गाड़ियों का काफिला निकालने के लिए आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा। इस संबंध में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।