Lucknow Tragedy Update : CM Yogi घायलों से मिलने पहुंचे, भवन मालिक पर हुआ एफआईआर

लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में घायलों से मिलते सीएम योगी।

डिजीटल डेस्क : Lucknow Tragedy UpdateCM Yogi घायलों से मिलने पहुंचे, भवन मालिक पर हुआ एफआईआर । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते शनिवार शाम को सरोजनी नगर थाना क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट नगर में तीन मंजिला हरमिलाप टॉवर के ध्वस्त होने की घटना के 23 घंटे बीतने के बाद भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ अंबेडकरनगर में कार्यक्रम संपन्न होने के बाद सीधे लखनऊ पहुंचे और हादसे के शिकार घायलों का हाल जानने को अस्पताल पहुंचे। इस बीच लखनऊ में पुलिस ने हादसे के संबंध में भवन मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

लोकबंधु अस्पताल पहुंचे सीएम योगी, बेहतर चिकित्सा के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन मंजिला कांप्लेक्स हादसे में घायलों का हाल जानने लोकबंधु अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मरीजों से मिलकर कैसे घटना हुई और यहां इलाज सही मिल रहा है जैसे सवाल पूछे।

दो कमरों में भर्ती 11 मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने का निर्देश दिया। चिकित्सकीय टीम ने सीएम योगी को बाया कि एक घायल के सिर में गंभीर चोट है उसे मेडिकल कालेज भेजा जाएगा।

निदेशक स्वास्थ्य सुरेश कुमार ने बताया कि अन्य घायलों की स्थिति में सुधार होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया है। लोकबंधु अस्तपाल में 20 घायलों का इलाज किया जा रहा है।

चौकी प्रभारी की तहरीर पर हरमिलाप टॉवर के मालिक पर गैर इरादतन हत्या का केस

लखनऊ के ट्रांसपोर्टनगर हादसे में अभी भी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू करने में जुटी हैं। इस बीच लखनऊ पुलिस ने हरमिलाप टॉवर मालिक राकेश सिंघल पर एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर चौकी इंचार्ज की तहरीर पर दर्ज की गई है। यह एफआईआर गैर इरादतन हत्या की है।

बता दें कि जिस इमारत में हादसा हुआ है, वह महज 8 साल पहले ही बनी थी।  इसके निर्माण के लिए विधिवत योजना बनी थी और इस योजना के मुताबिक लखनऊ विकास प्राधिकरण से साल 2010 में नक्शा भी पास हुआ था। उसके बाद अगले ही साल यानी साल 2011 में इस इमारत का निर्माण कार्य शुरू हुआ और साल 2015-16 में यह इमारत बन कर तैयार हो गई।

इस इमारत की गुणवत्ता जांच के बाद प्राधिकरण से साल 2020 में कंपलीशन सार्टिफिकेट दे दिया। लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुताबिक, इस भवन का नक्शा आलमबाग के समर विहार निवासी कुमकुम सिंघल ने 31 अगस्त 2010 को पास कराया था। इसके लिए प्राधिकरण ने परमिट संख्या-29474 जारी किया था।

प्राधिकरण के लिए प्रवर्तन जोन-2 के जोनल अधिकारी अतुल कृष्ण सिंह के मुताबिक इस इमारत के निर्माण का काम पूरा हो चुका था। आशंका है कि 1000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में बनी इस इमारत के निर्माण में लापरवाही बरती गई।

बड़ा सवाल है कि जब सब कुछ मानकों और नियमों के अनुरूप हुआ  तो अंतिम चरण में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के अधिकारियों ने क्वलिटी चेक करते समय इस गड़बड़ी की अनदेखी क्यों की। बताया जा रहा है कि एलडीए से कंपलीशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद से ही इस इमारत को किराए पर दिया गया ।

आशियाना निवासी राकेश सिंघल का हरमिलाप (ग्राउंड प्लस 2) टावर था। टावर के ग्राउंड फ्लोर पर आशियाना निवासी जसमीत साहनी का मोबिल ऑयल और दूसरी मंजिल पर दवा का गोदाम था।

पहली मंजिल पर मनचंदा का गिफ्ट सेंटर का गोदाम था। भवन निर्माण नियमावली के सभी नियमों का पालन होने के बादवजूद भी यह इमारत दस साल भी अपनी नींव पर खड़ी नहीं रह पायी तो सवाल इमारत के ढांचे को लेकर उठा।  इसके चलते अब खुद लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) घेरे में आ गया। तत्काल एलडीए ने मामले की जांच शुरू कर दी ।

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