सहरसा : बिहार के सहरसा जिला अन्तर्गत एक ऐसा मदरसा जहां सोलह वर्षों से मदरसा में पड़ा कंप्यूटर धूल फांक रहा है. सरकारी सिस्टम के कारण सोलह वर्षों में सोलह मिनट भी कंप्यूटर नहीं चला और बच्चे को कंप्यूटर का ज्ञान प्राप्त नहीं हुआ.
जानकारी के अनुसार कहरा प्रखंड अन्तर्गत नरियार मदरसा में बीजेपी के तत्कालीन विधायक संजीव झा द्वारा वर्ष 2005 में पांच कंप्यूटर मदरसा को दिया गया जहां मुस्लिम बच्चे भी कंप्यूटर का शिक्षा ग्रहण कर सके. लेकिन उस मदरसा का हालात कहिए अथवा सरकारी सिस्टम जिस कारण सोलह वर्षों के बाद भी मदरसा के एक भी बच्चे को कंप्यूटर का ज्ञान प्राप्त नहीं हुआ. उक्त मदरसा में मदरसा बोर्ड ने एक भी कंप्यूटर शिक्षक की प्रतिनियुक्ति नहीं किया और उस मदरसा में लगे कंप्यूटर धूल फांकने पर मजूबर हो गया.
हालांकि लगातार सोलह वर्षों के भीतर मदरसा के प्रधान ने वरीय अधिकारी को इस संबंध में लगातार पत्र लिखकर जानकारी दी. आज के दौर में उक्त मदरसा में एक मात्र सहायक शिक्षक रह गए हैं और वर्ष 2019 के आसपास तक मदरसा के सभी शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए.
कई बार मदरसा बोर्ड को लिखा पत्र
मदरसा के सहायक शिक्षक ने कहा कि वर्ष 1986 के आसपास मेरी बहाली हुई और आज तक में इस मदरसा में हूं. कंप्यूटर शिक्षक के इस मदरसा में बहाली हेतु हमारे मौलाना ने कई बार मदरसा बोर्ड को पत्र लिखा, लेकिन आज तक कंप्यूटर शिक्षक की बहाली नहीं हुई. मदरसा में लगभग डेढ़ सौ से अधिक बच्चे पढ़ाई करते हैं और अकेले हमको देखना पड़ता है. ग्रामीण से अनुरोध किया कि आपलोग भी कुछ व्यवस्था कीजिये, जिससे मदरसा का विधिवत संचालन हो सके और बच्चे को बेहतर तालिम मिल सके.
2005 में मदरसा को मिला था पांच कंप्यूटर
मदरसा में बीजेपी के तत्कालीन विधायक संजीव झा ने वर्ष 2005 में पांच कंप्यूटर दिये थे, लेकिन वर्ष 2005 से अबतक मदरसा में एक भी शिक्षक मदरसा बोर्ड द्वारा प्रतिनियुक्त नहीं किया गया. अन्य विषय के जो शिक्षक थे वह भी सेवानिवृत्त हो गए और फिलहाल मदरसा में मात्र एक सहायक शिक्षक हैं. मदरसा में डेढ़ सौ से अधिक बच्चे नामांकित हैं और सभी बच्चे एक मात्र सहायक शिक्षक पर निर्भर है. जबकि कंप्यूटर शिक्षक नहीं रहने के कारण 16 वर्षाें से अब तक कंप्यूटर धूल फांक रहा है. हालांकि यह तो बात तय है कि मदरसा बोर्ड की लापरवाही है, जिस कारण बच्चे कंप्यूटर नहीं सिख सके, लेकिन आज 16 वर्षाें के बाद भी मदरसा में कंप्यूटर सुरक्षित है.
रिपोर्ट : राजीब झा