जन्माष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी और गोकुलाष्टमी जैसे नामों से भी जाना जाता है। श्रीकृष्ण भगवान का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। इसलिए हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग जन्माष्टमी मनाते हैं। इस दिन मंदिर समेत सभी लोग अपने घरों में लाइटें आदि लगाते हैं, झांकियां लगाते हैं और कृष्ण भगवान को तरह-तरह के आभूषणों से सजाते हैं। भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी का त्योहार वर्ष 2021 में 30 अगस्त, दिन सोमवार को मनाया जाएगा। भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार भी कहा जाता है। इस दिन लोग विधिविधान से व्रत रखकर पूजा करके रात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं और घरों में झांकियां लगाते हैं। इस दिन घरों में अनेक प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं और लड्डू गोपाल को भोग लगाते हैं। आइए जानते हैं भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की वे पांच चीजें जिनके बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है।
1. माखन और मिश्री

भगवान श्रीकृष्ण को बचपन से ही माखन और मिश्री बहुत पसंद हैं। यहीं कारण था कि, वे गोकुल में गोपियों का माखन चुराकर खा जाया करते थे। उनका एक नाम माखन चोर भी था। इसलिए जन्माष्टमी पूजा में माखन मिश्री का भोग कान्हा को जरुर लगाएं।
2. बांसुरी

भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी बहुत प्रिय है। इसीलिए उन्हें मुरली मनोहर कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि, जिस घर में बांसुरी होती हो वहां पर भगवान श्रीकृष्ण का वास होता है। इसलिए पूजा मे आप बांसुरी को अवश्य शामिल करें।
3. गाय

भगवान श्रीकृष्ण को गायों से बहत ही प्रेम था। वे अकसर गायों और बछड़ों के साथ खेला करते थे और गायों को चराने जाया करते थे। इसीलिए जन्माष्टमी पूजा में आप गाय की छोटी सी मूर्ति अवश्य शामिल करें।
4. मुकुट

भगवान श्रीकृष्ण हमेशा मोर पंख वाला मुकुट ही धारण करते थे। इसीलिए जन्माष्टमी पूजा में मोर पंख का अवश्य प्रयोग करें।
5. पंचामृत

भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में पंचामृत का प्रयोग जरुर करें। पंचामृत को पांच चीजों से मिलकर बनाया जाता है और फिर इससे भगवान को स्नान और भोग लगाया जाता है। इसीलिए आप पंचामृत को भी अवश्य अपनी पूजा में शामिल करें।

