मलेरिया के 44 प्रतिशत केस झारखंड में बढ़े

मलेरीया के 44 प्रतिशत केस झारखंड में बढ़े

रांची: झारखंड उन 5 राज्यों में एक है, जहां मलेरिया के सबसे अधिक मामले दर्ज किए जाते रहे हैं। झारखंड के अलावा ओड़िशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और मेघालय में इस बीमारी के अत्यधिक मामले दर्ज किए जाते हैं।

2019 में देश भर में मलेरिया के कुल मामलों में 45.47% इन्हीं राज्यों में दर्ज किए गए थे। भौगोलिक स्थिति और जंगल-झाड़ से भरे प्रदेश में तमाम बाधाओं के बावजूद झारखंड ने मलेरिया मामले को कम करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की विश्व मलेरिया रिपोर्ट-2020 के आधार पर मलेरिया उन्मूलन के राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में झारखंड तीसरे स्थान पर रहा है। यह स्थान अब भी बरकरार है।

लेकिन, अब भी निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने से दूर है। राज्य में मलेरिया के सालाना आंकड़ों की बात करें, तो वर्ष 2017 से 2022 के बीच राज्य में मलेरिया के मामलों की संख्या साल-दर-साल कम हुई है, लेकिन 2023 में एक बार फिर मलेरिया केस में बढ़ोतरी दर्ज की गई।

2017 में झारखंड में 94,114 मामले मलेरिया के थे। 2018 में 57095, 2019 में 37133, 2020 में 16653, 2021 में 13426 और 2022 में 19168 मामले दर्ज किए गए। लेकिन, 2023 में जांच का दायरा बढ़ा तो 2022 की तुलना में करीब 44% केस की बढ़ोतरी के साथ 34,087 नए मामलों की पुष्टि हुई।

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