डिजीटल डेस्क : Mamata Banerjee – बोलीं – मेरी बहुत बेईज्जती की गई, पदत्याग करने को तैयार हूं। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिकल छात्रा के रेप और मर्डर की घटना के बाद से लगातार विरोध में जूनियर डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार जारी है।
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CM Mamata Banerjee के बुलावे पर तीसरे दिन जूनियर डॉक्टरों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल CM से सीधी वार्ता को पहुंचा लेकिन दो घंटे के बाद भी कोई बैठक हाल तक नहीं पहुंचा जबकि CM Mamata Banerjee उनका इंतजार करती रहीं।
आखिरकार सचिवालय के बैठक हॉल में CM Mamata Banerjee ने मौजूद मीडियाकर्मियों से अपनी बात रखी। कहा कि – ‘मेरी बहुत बेईज्जती की गई है, अनादर किया गया है और असम्मान किया गया है। बहुत कुछ मिसअंडरस्टैंडिंग हुई है और गलत बातें फैलाई गई हैं।
आम लोग असल बात समझ नहीं पाए। मैं पदत्याग करने को तैयार हूं। आशा करती हूं कि लोग समझ रहे हैं कि वे न्याय नहीं चाहते, केवल कुर्सी चाहते हैं’।

‘बंगाल के लोगों से माफी मांगती हूं, जूनियर डॉक्टरों को माफ किया…’
CM Mamata Banerjee ने इसी क्रम मे आगे कहा कि – ‘उम्मीद की थी कि वे (जूनियर डॉक्टर) छोटे है और मेरे बुलावे पर कार सीधी बात करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने जो समयसीमा दी थी, वह बीत गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस दिशा में राज्य सरकार जो भी करेगी, उसमें वह बाधा नहीं देगी। उसी को इस नई पहल के लिए मौका माना था। वही किया। ऐसा नहीं है कि वे (जूनियर डॉक्टर) मुझसे सीधी वार्ता को राजी नहीं थे। सचिवालय तक आए भी लेकिन अंदर बैठक हॉल तक नहीं आए क्योंकि उनमें (जूनियर डॉक्टरों में) से 2-3 को लगातार बाहर से कॉल आ रहे थे। मैं लोगों से माफी मांग रही हूं और जूनियर डॉक्टरों से फिर अनुरोध कर रही हूं कि वे काम पर लौटें। तीन दिनों से प्रयास के बाद भी समस्या का समाधान नहीं निकाल पाई। इसके लिए मैं बंगाल के लोगों से माफी मांगती हूं। जो लोग सचिवालय तक आकर भी बैठक में सीधी वार्ता के लिए नहीं पहुंचे, उन्हें भी मैं माफ करती हूं।‘
Mamata Banerjee बोलीं – इलाज न मिलने से हो रही मौतों से कांप रहा मेरा कलेजा…
इसी क्रम में CM Mamata Banerjee ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए भावुक होकर कातर स्वर में बोलीं – ‘इतनी बड़ी संख्या में इलाज न मिलने से लोगों की हो रही मौत को देखकर मेरा कलेजा कांपने लगा है। डॉक्टर भगवान होते हैं। हालात में सुधार लाने बीते 3 दिनों से लगातार पहल कर रही हूं। 3 बार अपनी ओर से उनसे (जूनियर डॉक्टरों से) सीधी वार्ता कर समस्या का हल निकालने का प्रयास किया। सुप्रीम कोर्ट भी इस मसले पर अपनी टिप्पणी कर चुका है। जूनियर डॉक्टरों को कार्य बहिष्कार कर हड़ताल करते हुए 32 दिन हो गए। इस बीच 27 लोगों की मौतें हुईं। हर मौत मर्मांतक है और पीड़ादायक होती है। इस दौरान 7 लाख लोग उपचार पाने से वंचित रहे। इससे ज्यादा शर्मनाक क्या होगा ?’