डिजीटल डेस्क : भड़काऊ भाषण के आरोप में 11 साल बाद 3 घंटे की न्यायिक हिरासत में रहे यूपी के मंत्री समेत कई भाजपा नेता। यूपी में वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगे के मामले में भड़काऊ भाषण से भीड़ को भड़काने के आरोप में 11 साल बाद भाजपा नेताओं को 3 घंटे न्यायिक हिरासत में गुजारना पड़ा है।
इनमें मौजूदा योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री से लेकर कई कद्दावर नेता शुमार हैं। ये सभी अपने खिलाफ वारंट जारी होने के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए थे।
एक-एक लाख के मुचलके पर रिहा हुए सभी आरोपी नेता
3 घंटे तक न्यायिक हिरासत में गुजारने के बाद यूपी के मंत्री समेत तमाम आरोपी भाजपा नेता 1-1 लाख रुपये के मुचलके पर रिहा किए गए। मुकदमे की सुनवाई कर रहे सिविल जज सीनियर डिवीजन देवेन्द्र फौजदार ने इनकी रिहाई का आदेश दिया।
अभियोजन अधिकारी नीरज सिंह ने बताया कि इस मामले में प्रदेश सरकार के मौजूदा राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, पूर्व मंत्री सुरेश राणा, पूर्व सांसद भारतेंदु सिंह, पूर्व विधायक उमेश मलिक और अशोक कंसल, विहिप नेता साध्वी प्राची, डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद समेत 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
इसके बाद एसआईटी ने जांच कर अलग-अलग दो चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। उसी मामले में इन नेताओं के खिलाफ वारंट जारी हुए थे और उसी क्रम में ये सभी नेता एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए थे।

2013 में मुजफ्फनगर दंगे में गई थी 60 लोगों की जान, एसआईटी ने की जांच
वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में भड़के दंगे ने भयावह रूप ले लिया था। तब करीब 60 लोगों की जान चली गई थी। एसआईटी की ओर कोर्ट में दाखिल चार्जशीट के मुताबिक, 31 अगस्त 2013 को मुजफ्फरनगर के नंगला मंदौड़ में पंचायत हुई थी।
उसमें इन आरोपियों ने भीड़ में बीच में भड़काऊ भाषण दिए थे और उसके बाद मुजफ्फरनगर और शामली में दंगा भड़क गया था। उस दंगे में 60 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
उस समय भड़के दंगे में घर-दुकान और अन्य संपत्तियों में आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी। एसआईटी की चार्जशीट के मुताबिक, तब उस दंगे की वजह से 40 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए थे।

फिर पेश नहीं हुए डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद, 16 नवंबर को दोषियों पर कोर्ट तय करेगा आरोप
साल 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के दौरान नंगला मदौड़ पंचायत में भड़काऊ भाषण देने और निषेधाज्ञा उल्लंघन का आरोप में नामजद आरोपियों में डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद पहले की तरह फिर से कोर्ट में पेश नहीं हुए। उनके खिलाफ फिर से गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।
कोर्ट में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए विशेष न्यायाधीश देवेंद्र फौजदार ने आगामी 16 नवंबर की तारीख तय की है। उस दिन सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
बता दें कि मुजफ्फरनगर दंगा मामले में भड़काऊ भाषण देने और निषेधाज्ञा उल्लंघन मामले में आरोपी राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व मंत्री सुरेश राणा और अशोक कटारिया, भाजपा के पूर्व विधायक अशोक कंसल, पूर्व सांसद भारतेंदु सिंह मुजफ्फरनगर एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए थे।
इन सभी के खिलाफ वारंट जारी हुए थे। इन्होंने अपना वारंट कोर्ट में रिकॉल कराया और उसी क्रम में इन्हें करीब तीन घंटे तक न्यायिक हिरासत में रखा गया।
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