रांची. ऐतिहासिक राजी पाड़हा मुड़मा जतरा के दूसरे दिन श्रद्धालुओं का जन सैलाब देखने को मिला। खोड़ा में हाथी-घोड़ा, रंपा-चंपा के साथ नाचते झूमते लोगों ने सबको अपनी ओर आकर्षित किया। खोड़ा नृत्य पारंपरिक आदिवासी संस्कृति एवं गौरवशाली विरासत को प्रदर्शित करता है।
मुड़मा जतरा में कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की
इस मौके पर कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि मुड़मा जतरा में शामिल होना मेरे लिए गर्व का क्षण होता है और वो भी एक विधायक या मंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि मांडर की बेटी के तौर पर। उन्होंने कहा कि मांडर जतरा की पहचान देश-विदेश के स्तर पर होना, इसकी ख्याति को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि इस जतरा मेला के आयोजन में राज्य सरकार का पूरा सहयोग मिलता है। झारखंड में इस समय एक ऐसी सरकार है, जो आदिवासी-मूलवासी की जन भावना के साथ हर कदम पर खड़ी रहती है। पूर्व की सरकार में लैंड बैंक के नाम पर सरना-मसना की जमीन लेने का काम किया गया, जबकि आज सरना मसना की जमीन को संरक्षित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मरांग गोमके योजना का लाभ लेकर आज राज्य के आदिवासी छात्र विदेश में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इतना ही नहीं मौजूदा हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार आदिवासी छात्रों के भविष्य के लिए बहुत कुछ कर रही है। उन्होंने कहा कि मुड़मा जतरा की जमीन पर प्रशासनिक भवन एवं अतिथिशाला के निर्माण का प्रस्ताव कल्याण विभाग के समक्ष लंबित है। उम्मीद है कि इस दिशा में बहुत जल्द पहल तेज की जाएगी।
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