मोदी ने कांग्रेस को धोया, 2004-14 को बताया डेड डिकेड

NEW DELHI: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया है. उन्होंने इसके लिए कुछ कविताओं का भी सहारा लिया. दुष्यंत कुमार की कविता बताकर कांग्रेस पर वार किया, कहा – तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं. कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं. ये लोग बिना सर पैर के बोलने के कारण हमेशा विरोधाभास में रहते हैं. ये लगातार कोस रहे हैं. भारत कमजोर हो रहा है. भारत की कोई दुनिया में वजूद नहीं रहा.

भारत इतना मजबूत हो गया है कि दूसरे देशों को धमका कर फैसले करवा रहा है. पहले ये तय कर लें कि भारत कमजोर हो रहा है कि भारत मजबूत हो रहा है. जीवंत व्यवस्था होती है वो जनता के बारे में चिंतन करता है, उसे समय समय पर बदलता रहता है. मोदी को ही आरोप लगाकर रास्ता निकलेगा. अब 22 साल बीत गये वो गलतफहमी पालकर बैठ गये.

‘आगा पीछा देखकर क्यों होते गमगीन, जैसी जिसकी भावना वैसा दिखा सीन’. उन्होंने कांग्रेस पर निराशा से भरे होने का आरोप लगाया. कहा- निराशा भी ऐसे नहीं आती. एक तो जनता का हुकूम साथ- साथ जो अंर्तमन में पड़ी चीज है वो चैन से सोने नहीं देती है. 2004 से पहले भारत की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो गई. कांग्रेस के समय में महंगाई डबल डिजिट रही थी.

मोदी : 2004 से 14 डेड डिकेड के रूप में याद किया जाएगा


2004 से 14 देश का सबसे घोटाला वाला समय रहा. भारत के हर कोने में आतंकवादी हमला का दौर रहा. 10 साल में जम्मू कश्मीर से लेकर नार्थ इस्ट तक हिंसा ही हिंसा. उन दस साल में भारत की आवाज दुनिया में इतनी कमजोर थी कि विश्व इनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे.

आज जब देश का सामर्थ्य खुलकर सामने आया है तो इन्हें निराशा होती है. जब टेक्नॉलॉजी का दौर तेजी से आगे बढ़ रहा था तभी ये लोग 2जी में फंसे रहे. 2010 में कॉमन वेल्थ गेम्स हुआ. फिर मौका मुसीबत में बदल दिया. फिर सीडब्ल्यूजी घोटाले में मुसीबत बना दिया.

PM ने कहा कि जांच एजेंसी को गालियां देते हैं. लेकिन ईडी ने सबको एक मंच पर लाकर रख दिया है.

मोदी : ‘दुनिया भारत की समृद्धि में अपनी समृद्धि देख रही है’

दुनिया भारत की समृद्धि में अपनी समृद्धि देख रही है. निराशा में डूबे कुछ लोग इस देश की उन्नति को देखना नहीं चाहते. उन्हें यहां के लोगों की उपलब्धियां नजर नहीं आ रही है.


स्टार्टअप के क्षेत्र में तीसरे नंबर पर पहुंच रहे हैं. इतने कम समय में कोरोना कालखंड में 108 यूनीकॉन बने हैं. 6. 7 करोड़ होती है एक यूनीकॉर्न की ताकत. घरेलू विमान यात्रा के क्षेत्र में आज विश्व में तीसरे स्थान पर पहुंच चुके हैं. आज भारत

स्पोर्टस के अंदर भारत का परचम लहरा रहा है. कॉमन वेल्थ गेम्स, ओलंपिक में देश ने अच्छा प्रदर्शन किया.
आज हर क्षेत्र में आशा ही आशा नजर आ रहा है. कुछ लोग निराशा से भरे हैं.

‘द राइज एंड डिक्लाइन ऑफ कांग्रेस पार्टी विषय पर हार्वर्ड ने अध्ययन किया है’

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का बहुत क्रेज है. बीते वर्षों में हार्वर्ड में एक बहुत महत्वपूर्ण स्टडी है. वो है द राइज एंड डिक्लाइन ऑफ कांग्रेस पार्टी. भविष्य में बहुत से विवि में कांग्रेस की बर्बादी पर अध्ययन होना है. मोदी पर भरोसा अखबार की सुर्खियों से नहीं हुआ है. टीवी पर चमकते चेहरे से नहीं हुआ. जीवन खपा दिया है. देश के लोगों के लिए खपा दिया है. देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए खपा दिया है.


जो देशवासियों का मोदी पर भरोसा है वो इनकी समझ के

दायरे से काफी उपर है. क्या ये झूठे आरोप लगाने वालों पर मुफ्त अनाज पाने वाले उनपर भरोसा नहीं करेंगे.

वन राशन वन कार्ड के जरिये जब कहीं भी

लोगों को भोजन मिलता है वो आप पर भरोसा नहीं करेंगे.

जिन्हें घर मिला है जिन्हें मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है,

जिन्हें महिलाओं को शौचालय मिला है, जिन्हें नल से जल मिला है

वो तुम्हारे आरोपों पर कैसे विश्वास मिलेगी.

आयुष्मान कार्ड योजना से जिंदगी बच गई है,

वो लोग तुम्हारी बातों को कैसे मानेगा.

आपकी गालियों को इन कोटि-कोटि भारतीयों से होकर गुजरना होगा.

‘हमारी सरकार दलितों, आदिवासी और वंचितों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है’


दशकों तक आदिवासी पिछड़ा, दलितों के जीवन में सुधार नहीं आया था,

2014 के बाद सर्वाधिक लाभ इन्हीं परिवार वालों को मिला है.

पहली बार बिजली पहुंची है. पहली बार नल से जल पहुंच रहा है.

इन परिवारों को पक्का घर मिल रहा है. जो बस्तियां आपने छोड़ दी थी .

आज सड़क हो, बिजली हो पानी हो और

4जी कनेक्टिविटी भी उन बस्तियों पर पहुंच रहा है.

आज राष्टपति के रुप में आदिवासी महिला काम कर रही है. हमने उनका हक दिया है.

हम पहली बार देख रहे हैं. जब मां सशक्त होती है तब पूरा परिवार सशक्त होता है.

समाज सशक्त होता है तभी देश सशक्त होता है.

हर छोटी बड़ी मुसीबतों को दूर करने का हमने प्रयास किया है.
कैसा प्रधानमंत्री है जो लाल किले से शौचालय की बात करता है,

सैनिटरी पैड की बात करता हूं तो मेरी आलोचना होती थी.

माताओं बहनों को इज्जत देने का काम किया है.

जिंदगी खप जाती थी पानी और किरोसिन में.

उन माताओं बहनों को सुविधाएं देने का काम किया.

स्वयं सहायता समूह के जरिये महिलाओं को सशक्त किया है.

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