जमुई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनजातीय गौरव दिवस समारोह में भाग लेने के लिए जमुई पहुंचे। जमुई में PM Modi ने कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और भगवान बिरसा मुंडा के वंशज को सम्मानित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भगवान बिरसा मुंडा की जयंती है, कार्तिक पूर्णिमा है, गुरु नानक देव की जयंती है। आज का दिन ऐतिहासिक दिवस है।
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मुझे बताया गया कि जमुई में पिछले कई वर्षों से स्वच्छता का अभियान बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है। इस विशेष प्रयास के लिए जमुई के लोगों की सराहना करता हूं। पिछले वर्ष इस दिन मैं भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली गांव में था, इस बार मैं जमुई में हूं। आज पूरे देश में भगवान बिरसा मुंडा के 150वीं जयंती पर उत्सव शुरू हो रहा है जो एक वर्ष तक चलेगा। आज एक करोड़ लोग टेक्नोलॉजी के माध्यम से आज जमुई से जुड़े हैं। आज यहां भगवान बिरसा मुंडा के वंशज भी मौजूद हैं। आज उनके यहां पूजा होता है बावजूद इसके वे आज यहां जमुई आए हैं।
भारत की आजादी के लिए आज एक ही दल को श्रेय दिया जाता है लेकिन अगर एक ही दल एक ही परिवार ने आजादी दिलाई तो भगवान् बिरसा मुंडा का उलगुलान आंदोलन क्यों हुआ था? संथाल क्रांति क्या थी? महराणा प्रताप को भूल सकते हैं क्या? छत्रपति शिवजी महाराज को ताकत देने वाले जनजातीय भाई बहनों को कौन भुला सकता है। असंख्य आदिवासी जनजातीय शूरवीरों को कोई भुला सकता है क्या? हजारों आदिवासी भाई बहनों को अंग्रेजो ने मौत के घाट उतार दिया था। मैं इसे भाजपा ही नहीं एनडीए का सौभाग्य मानता हूं कि हमने द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति बनाया।
उन्होंने सीएम नीतीश का नाम लेते हुए कहा कि जब हमने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति मुर्मू को उम्मीदवार बनाया तो नीतीश कुमार ने पूरे देश से उनके समर्थन में अपील की थी। आज पीएम जनमन योजना का श्रेय भी राष्ट्रपति को जाता है। अतिपिछड़ी जनजाति की पिछली सरकारों ने कोई परवाह नहीं की थी। इनके लिए 24 हजार करोड़ रूपये से पीएम जनमन योजना शुरू की गई। इससे सबसे पिछड़ी जनजातीय समुदाय की बस्ती का विकास सुनिश्चित हो रहा है। हमने हजारों पक्के घर दिए, सैकड़ों किलोमीटर की सड़कों पर काम शुरू हो चूका है।
हर घर नल से जल पहुंचा है। उन्होंने कहा कि जिसे किसी ने नहीं पूछा मोदी उसे पूजता है। आदिवासी समाज दशकों तक मूल सुविधाओं से वंचित रहा। दर्जनों आदिवासी बाहुल्य जिले विकास में पिछड़े थे। किसी अधिकारी को सजा देनी हो तो उन्हें ऐसे जगहों में उनकी पोस्टिंग की जाती थी। एनडीए सरकार ने पुरानी सरकारों की सोच बदल दी और इन जिलों को आकांक्षी जिले घोषित की और वहाँ नए और ऊर्जावान अफसरों को भेजा। आज ये आकांक्षी जिले विकास के कई पैरामीटर पर दूसरे जिलों से आगे निकल गए हैं। इसका लाभ आदिवासी भाइयो को हुआ है।
एनडीए सरकार की प्राथमिकता आदिवासी विकास रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में आदिवासी के विकास के लिए अलग मंत्रालय बनाया गया। दस वर्ष पहले आदिवासी के विकास के लिए बजट 25 हजार करोड़ रूपये से भी कम था हमारी सरकार ने यह बजट सवा लाख करोड़ रूपये पहुंचाया। साठ हजार से अधिक आदिवासी गांवों के विकास के लिए हमने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना शुरू की है। इसका मकसद आदिवासी समाज तक जरूरी सुविधाएं पहुंचने के साथ युवाओं के लिए ट्रेनिंग और रोजगार का अवसर बनाने का है। जगह जगह ट्राइबल मार्केटिंग सेंटर बनेंगे। होम स्टे के लिए प्रशिक्षण और मदद दिया जायेगा। इससे आदिवासी क्षेत्रों में पर्यटन को बल मिलेगा।
हमारी सरकार ने आदिवासी विरासत को सहेजने के लिए कई कदम उठाए हैं। आदिवासी कला समर्पित कई लोगों को पदम् पुरस्कार से सम्मानित किया गया। हमने रांची में भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर संग्रहालय की शुरुआत की। आज श्रीनगर और सिक्किम आदिवासी रिसर्च सेंटर का उद्घाटन हुआ है और आज ही स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किये गए। आदिवासी समाज का भारत की पुरातन चिकित्सा पद्धति में बड़ा योगदान है और इसे भी सुरक्षित किया जा रहा है।
आदिवासियों की परंपरागत चिकित्सा पद्धति देश दुनिया तक जल्दी ही पहुंचेगी। आज डॉक्टरी हो, इंजीनियरिंग हो, सेना हो हर प्रोफेशन में आदिवासी बेटे बेटियां आगे आ रहे हैं। पिछले दशक में स्कूल से उच्च शिक्षा तक आदिवासी क्षेत्रों में बेहतर संभावनाएं बनी हैं। पहले देश में एक ही सेन्ट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी थी, एनडीए सरकार ने दो और यूनिवर्सिटी दी। आदिवासी बाहुल्य जिले में कई विकास के काम किये गए। 30 नए मेडिकल कॉलेज बने और कई पर काम चल रहा है। जमुई में भी मेडिकल कॉलेज बन रहा है। आदिवासी समाज के सामने भाषा की भी समस्या रही है और हमारी सरकार ने मातृभाषा में परीक्षा का विकल्प दिया है।
यह आदिवासी समाज के बच्चो को नया हौसला दिया है। अब आदिवासी समाज के बच्चों ने खेल में भी कमाल किया है। मैडल जीतने में ट्राइबल खिलाड़ियों का बड़ा योगदान है। खेलो इंडिया अभियान के तहत आधुनिक मैदान, स्पोर्ट्स कॉम्पेक्स आदिवासी क्षेत्रों में बनाई जा रही है। लखपति दीदी अभियान से अब तक करीब 20 लाख आदिवासी बहनें लखपति बन चुकी हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि एक बार ही कमाई हो बल्कि हर वर्ष होगी। हम बड़े शहरों में हाट बाजार लगा रहे हैं, जहां आदिवासियों के बनाये सामान बेचे जायेंगे।
इंटरनेट पर भी वैश्विक बाजार बना रहे हैं। मैं भी विदेशी नेताओं को देने वाले गिफ्ट में आदिवासी भाई बहनो के बनाये सामान भेंट करता हूं। आदिवासी समाज के लिए सिकल सेल एनीमिया की बीमारी बड़ी चुनौती रही है, हमारी सरकार ने इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय अभियान चलाया है। इस दौरान करीब साढ़े चार करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग हुई, आदिवासी समाज के लोगों को जाँच के लिए दूर नहीं जाना पड़े इस के लिए दुर्गम इलाकों में भी मेडिकल टीम स्थापित की जा रही है। भारत आज दुनिया में क्लाइमेट चेंज के लिए लड़ाई में बड़ा नाम है क्योंकि हमारे विचारों के मूल में आदिवासी समाज का विचार है।
आदिवासी समाज सूर्य और वायु और पेड़ पौधों को पूजने वाला समाज है। भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जन्मजयंती के अवसर पर देश के आदिवासी बाहुल्य जिलों में बिरसा मुंडा जनजातीय गौरव उपवन बांये जायेंगे। इस उपवन में 500 से हजार वृक्ष लगाए जायेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने करीब 6640 करोड़ रूपये के कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा, सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, गिरिराज सिंह, चिराग पासवान समेत कई नेता और मंत्री मौजूद थे।
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जमुई से विवेक रंजन की रिपोर्ट
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