Myanmar Kidnapping Case: धनबाद के युवक शाहजेब रहमान को म्यावड्डी में बंधक बनाया गया, परिवार से फिरौती मांगी गई

धनबाद के शाहजेब रहमान को म्यांमार के म्यांवड्डी में बंधक बनाये जाने की पुष्टि हुई. परिवार से 2.20 लाख की फिरौती मांगी गई, सरकार ने हस्तक्षेप शुरू किया.


Myanmar Kidnapping Case धनबाद : धनबाद निवासी मोहम्मद शाहजेब रहमान के म्यांमार में बंधक बनाये जाने की पुष्टि राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने की है. नियंत्रण कक्ष ने इस मामले की पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेज दी है, जिसमें युवक के लापता होने से लेकर फिरौती की मांग तक की पूरी जानकारी शामिल है.

शाहजेब की मां निशात अफरोज ने 12 नवंबर को मुख्यमंत्री सचिवालय को पत्र भेजकर अपने बेटे के अचानक लापता हो जाने की शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि उनका बेटा दिसंबर 2024 में बेंगलुरु से एक आकर्षक नौकरी दिलाने के बहाने बहला-फुसलाकर विदेश भेजा गया. कुछ दिनों बाद उसने एक अनजान व्हाट्सऐप नंबर से संदेश भेजा, लेकिन वह अपना सही स्थान बताने की स्थिति में नहीं था.


Key Highlights

  • धनबाद के मोहम्मद शाहजेब रहमान के म्यांमार में बंधक बनाये जाने की आधिकारिक पुष्टि.

  • मां को टेलीग्राम और व्हाट्सऐप के जरिए प्रताड़ना और फिरौती की जानकारी मिली.

  • 2.20 लाख रुपये की मांग, स्थान बताया म्यांवड्डी (Myanmar).

  • सीएम को शिकायत के बाद प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने तुरंत रिपोर्ट भेजी.

  • भारतीय दूतावास और प्रोटेक्टर ऑफ इमिग्रेंट्स को हस्तक्षेप के लिए पत्र भेजा गया.


Myanmar Kidnapping Case:

हालात तब गंभीर हो गए जब 9 अक्टूबर 2025 को निशात अफरोज को टेलीग्राम पर संदेश मिला, जिसमें शाहजेब ने खुलासा किया कि उसे म्यांमार के म्यांवड्डी क्षेत्र में अज्ञात लोगों ने बंधक बना लिया है. उसने बताया कि उसे प्रताड़ित किया जा रहा है और उसकी रिहाई के लिए 2.20 लाख रुपये की फिरौती मांगी जा रही है. संदेश से यह भी साफ हुआ कि वह काफी डरा और तनाव में था.

शिकायत मिलते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया. इसके बाद 12 नवंबर को मामले का सत्यापन करते हुए नियंत्रण कक्ष ने प्रोटेक्टर ऑफ इमिग्रेंट्स, रांची और भारतीय दूतावास, म्यांमार को तत्काल हस्तक्षेप के लिए अनुरोध पत्र भेजा.

Myanmar Kidnapping Case:

अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आवश्यक राजनयिक और प्रशासनिक प्रक्रियाएं शुरू कर दी गई हैं. म्यांवड्डी क्षेत्र में सक्रिय अंतरराष्ट्रीय साइबर और मानव तस्करी गिरोहों को देखते हुए भारतीय एजेंसियां सतर्क हैं और युवक की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

परिवार लगातार सरकार और अधिकारियों से संपर्क में है और अपने बेटे की सुरक्षित वापसी की उम्मीद में है.

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