एचईसी में एनसीएल के 80 करोड़ का काम अधूरा, दो निदेशकों ने किया प्लांट का दौरा

एचईसी में एनसीएल के 80 करोड़ का काम अधूरा, दो निदेशकों ने किया प्लांट का दौरा

रांची: 5 साल पुराने ऑर्डर, टाइम लाइन पार करने के बाद भी काम जारी, काम पूरा होता तो कर्मियों की नहीं होती दुर्दशा एचईसी में एनसीएल कंपनी के दो निदेशकों ने प्लांट का को उस कार्यस्थल का निरीक्षण किया, जहां कंपनी की छह साल पुरानी ऑर्डर का काम हो रहा है।

निरीक्षण के दौरान निदेशकों ने कार्यस्थल में जाकर देखा कि उनका काम कैसा और किस स्टेज में हो रहा है। जानकारी के अनुसार एचसीएल कंपनी ने साल 2019 में ही एचईसी प्रबंधन को 80 करोड़ रुपए का ऑर्डर दिया था। इसके कई स्टेज में कई प्रोजेक्ट पर काम जारी है।

लेकिन अहम बात है कि वर्तमान में एचईसी की डगमगाती डूबती नैया पार करने के लिए एनसीएल कंपनी के सिर्फ इस पुराने 80 करोड़ रुपए के ऑर्डर ही काफी थी। इससे मजदूर कर्मियों को उनका वेतनमान भुगतान करने और कंपनी को चलाने के लिए आसानी होती।

एचईसी को काम करने के लिए कार्यशैली पूंजी की भी कोई कमी नहीं होती। अपने बूते एचईसी चल पड़ता। प्रबंधन आसानी से वर्तमान में मजदूर-कर्मियों के उभरे विवाद समेत उनकी सभी समस्याओं का निदान कर सकता था।

आंकड़ों पर गौर करने पर पता चला कि मजदूर कर्मियों को प्रतिमाह वेतन में नेट साढ़े छह करोड़ रुपए राशि सैलरी मद में खर्च होती है, जबकि एनसीएल की 80 करोड़ के वर्क ऑर्डर जैसे और भी अनेकों प्रोजेक्ट है, जो एचईसी में सुचारू रूप से काम होने पर पूरा किया जा सकता था।

लेकिन एईसी में वर्तमान विषम परिस्थिति उत्पन्न होने से एनसीएल समेत अन्य कंपनियों के ऑर्डर लटक गए है। एनसीएल कंपनी के प्रोजेक्ट ऑर्डर का टाइम लाइन पार होने के बावजूद ऑर्डर पर काम अब तक चल ही रहा है। एचईसी दौरा करने के दौरान एनसीएल निदेशक और पीएन के अलावा एचईसी के मार्केटिंग निदेशक सिंघल और उत्पात निदेशक एसडी सिंह मौजूद थे।

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