NDA की रणनीति और हेमंत सरकार पर चौतरफा हमला

NDA की रणनीति और हेमंत सरकार पर चौतरफा हमला

रांची: झारखंड विधानसभा  से पहले NDA और हेमंत सोरेन की सरकार के बीच सत्ता का संघर्ष तेज हो गया है। भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी आजसू (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन) ने युवाओं को केंद्र में रखकर राज्य की मौजूदा सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं।

बीजेपी द्वारा आयोजित युवा आक्रोश रैली के बाद आजसू पार्टी ने “झारखंड नवनिर्माण संकल्प सभा” के माध्यम से प्रभात तारा मैदान में बड़ी संख्या में युवाओं को एकजुट किया। दोनो सभा में आजसू और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओ ने मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार को अविश्वसनीय बताते हुए नीति, नियत, और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किया है।

सरकार की नीतियों पर हमला: NDA की ओर से सुदेश महतो ने हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि न तो सरकार के पास नीति है, न नियत, और न ही विश्वसनीयता। उन्होंने बेरोजगारी, नौकरी, और महिलाओं के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।

युवाओं को साधने की कोशिश: NDA  में सामिल आजसू ने झारखंड के बेरोजगार युवाओं से उनके बायोडाटा जमा करने की अपील की, और वादा किया कि सत्ता में आने पर सबसे पहले उन्हें नौकरी दी जाएगी। महतो ने कहा कि झारखंड में करीब 5 लाख बेरोजगार युवा हैं, और सरकार उन्हें रोजगार देने में नाकाम रही है।

शिवराज सिंह का हमला: NDA की ओरसे केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हेमंत सरकार पर अंतिम समय में चुनावी लाभ के लिए नई घोषणाएं करने का आरोप लगाया। उन्होंने हेमंत सोरेन को अविश्वसनीय बताते हुए कहा कि 5 साल तक कुछ न करने के बाद अब चुनाव के नजदीक वादे करना महज वोट बैंक की राजनीति है।

महिलाओं की योजना पर सवाल: NDA में शामिल सुदेश महतो ने हेमंत सरकार की “मैया योजना” की आलोचना करते हुए कहा कि 5000 रुपये देकर सरकार चुनावी लाभ लेने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यह योजना सिर्फ चुनावी भत्ता है, बेरोजगारी भत्ता और महिलाओं के लिए वादे पूरे नहीं किए गए हैं।

कृषि और रोजगार पर फोकस: NDA ने किसानों की स्थिति पर चिंता जताई, यह बताते हुए कि झारखंड के किसान परिवारों की औसत आय केवल 4800 रुपये मासिक है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी झारखंड में केवल रोजगार का साधन नहीं, बल्कि समाज में इज्जत और सम्मान का प्रतीक है।

NDA ने मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार पर बेरोजगारी, महिलाओं के सशक्तिकरण और किसानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। विपक्ष का कहना है कि सोरेन सरकार की योजनाएं महज झारखंड विधानसभा  चुनावी वादे हैं और युवाओं व महिलाओं के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। वहीं, सरकार अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुए रोजगार सृजन, महिलाओं की आर्थिक मजबूती और किसानों के विकास के लिए किए गए प्रयासों का हवाला देकर अपने बचाव में खड़ी है।

रोजगार और विकास योजनाएं: हेमंत सोरेन सरकार ने अपने कार्यकाल में रोजगार सृजन के लिए कई योजनाएं शुरू कीं, जिसमें “झारखंड राज्य ग्रामीण रोजगार योजना” जैसी पहल शामिल हैं। सरकार ने दावा किया है कि लाखों युवाओं को मनरेगा और अन्य योजनाओं के तहत रोजगार दिया गया है।

मैया योजना और महिलाओं की भलाई: सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए “मैया योजना” का बचाव किया। इस योजना के तहत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक मदद देकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है। सोरेन सरकार ने इस योजना को महिलाओं की आर्थिक मजबूती के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

कृषि और किसानों के लिए प्रयास: सरकार ने किसानों की सहायता के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, जैसे “मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना”, जिसमें किसानों को आर्थिक सहायता दी जा रही है। सरकार का दावा है कि उनके कार्यकाल में झारखंड के किसानों की आय में वृद्धि हुई है।

राज्य के विकास का दावा: हेमंत सोरेन सरकार का कहना है कि उनके नेतृत्व में झारखंड ने हर क्षेत्र में प्रगति की है। सड़कों, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में राज्य ने काफी उन्नति की है। सरकार ने कहा कि विपक्ष के आरोप चुनावी हैं और उनकी नीतियां जमीन पर वास्तविक बदलाव ला रही हैं।

Share with family and friends: