नई दिल्ली : आगामी नौ जून को मोदी 3.0 के गठन के बाद फिर से दोबारा बनाए गए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों के शपथ ग्रहण के लिए एक नया नियम बनाया है। नए नियम में शपथ के प्रारूप के अतिरिक्त कुछ नहीं होगा। कुछ भी अलग से नहीं बोला जाएगा। स्पीकर ने नियम 389 में संशोधन किए, कोई अलग से शब्द या टिप्पणी नहीं होगी।
आपको बता दें कि निर्देश-1 के नए खंड-तीन के मुताबिक, अब सदस्य सिर्फ शपथ लेंगे और शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे। इस दौरान वे किसी भी अन्य शब्द या किसी मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकेंगे। दरअसल, 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन सांसदों के शपथ ग्रहण के दौरान एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जय फिलिस्तीन का नारा लगाया था। इसी को लेकर ओम बिरला ने भी काफी नाराजगी जतायी थी। ओवैसी की इस हरकत से सत्ता पक्ष हमलावर हो गई थी।
इस कारण लिया गया फैसला
यह संशोधन पिछले सप्ताह शपथ लेते समय कई सदस्यों द्वारा ‘जय संविधान’ और ‘जय हिंदू राष्ट्र’ जैसे नारे लगाने की पृष्ठभूमि में आया है। एक सदस्य ने ‘जय फलस्तीन’ का नारा भी लगाया था, जिस पर भी कई सदस्यों ने आपत्ति भी जताई थी। लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से शपथ लेते समय निर्धारित प्रारूप पर कायम रहने का अनुरोध किया था, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने आरोप लगाया था कि कई सदस्यों ने शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने के महत्वपूर्ण अवसर का इस्तेमाल राजनीतिक संदेश भेजने के लिए किया।
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