Nobel Prize 2025: नोबेल साहित्य पुरस्कार 2025 इस वर्ष हंगरी के प्रतिष्ठित लेखक लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई को प्रदान किया जाएगा। उन्हें यह सम्मान उनके चर्चित उपन्यास “हर्श्ट 07769” के लिए दिया जा रहा है, जो थुरिंजिया के एक छोटे से शहर में सामाजिक अराजकता, हिंसा और आगजनी के भयावह माहौल का सटीक चित्रण करता है।
नोबेल समिति ने इस उपन्यास को “एक महान समकालीन जर्मन उपन्यास” की उपाधि दी है और इसे यथार्थवाद और सौंदर्यबोध का अद्भुत संगम माना है।
Nobel Prize 2025: कौन हैं लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई?
लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई का जन्म 1954 में हंगरी-रोमानिया सीमा के पास स्थित ग्युला नामक कस्बे में हुआ था। वे अपने जटिल, लंबे वाक्य विन्यास और गहन दार्शनिक दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका लेखन अक्सर फ्रांज काफ्का और थॉमस बर्नहार्ड जैसे लेखकों की याद दिलाता है, जिसमें बेतुकी कल्पना, आध्यात्मिक आत्ममंथन और एक विशेष किस्म की बेचैनी देखने को मिलती है।
Nobel Prize 2025: क्यों मिला नोबेल पुरस्कार?
हर्श्ट 07769 उपन्यास, जर्मन संगीतकार जोहान सेबेस्टियन बाख की सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित है। यह रचना दर्शाती है कि इंसानी अनुभवों में आतंक और सौंदर्य साथ-साथ कैसे रह सकते हैं। यही गहराई और कलात्मक संतुलन उन्हें साहित्य में नोबेल पुरस्कार 2025 का विजेता बनाता है।
Nobel Prize 2025: पुरस्कार राशि और अन्य दावेदार
इस सम्मान के साथ उन्हें 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग ₹8 करोड़ या £870,000) की इनामी राशि भी दी जाएगी। इस वर्ष पुरस्कार की दौड़ में चीन की लेखिका कैन जू भी मजबूत दावेदार थीं। वे पिछले साल भी चर्चा में थीं, लेकिन उस समय यह सम्मान दक्षिण कोरियाई लेखक हान कांग को मिला था।
Nobel Prize 2025: क्रास्ज़्नाहोरकाई का लेखन और अंतरराष्ट्रीय पहचान
लास्ज़लो को 1985 में अपने पहले उपन्यास ‘सतन्तांगो’ (Sátántangó) से वैश्विक पहचान मिली। यह एक ढहते हुए हंगरी गांव की निराशाजनक लेकिन काव्यात्मक और गहराई से भरी कहानी है। उनका लेखन पूर्वी दर्शन और संस्कृति से भी प्रभावित रहा है।
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