डिजीटल डेस्क : Coaching Centre Tragedy – हादसे के बाद जारी कार्रवाई पर अब सामने आया मशहूर आईएएस कोचिंग शिक्षकों का पक्ष। बीते शनिवार रात देश की राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर की एक कोचिंग में अचानक पानी घुसने के हादसे में तीन विद्यार्थियों की मौत के बाद पुलिस-प्रशासनिक कार्रवाई में कई कोचिंग सेंटरों पर ताला लग गया है। इस लिस्ट में मशहूर शिक्षक और मार्गदर्शक विकास दिव्यकीर्ति की दृष्टि आईएएस कोचिंग भी शामिल है। घटना के तीन दिन बाद विकास दिव्यकीर्ति की हादसे पर पहली प्रतिक्रिया सामने आई हैं। उनके अलावा कोचिंग लेने वाले अभ्यर्थियों के बीच अपने अलग अंदाज के लिए चर्चा में रहने वाले अवध ओझा का भी पूरे घटनाक्रम पर टिप्पणी सामने आई है। दोनों ने ही सिस्टम से हालात की बेहतरी के लिए सख्त पहल करने की जरूरत का जिक्र किया है।
देर से अपना पक्ष रखने के लिए दृष्टि एकेडमी के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति ने मांगी क्षमा
बता दें कि ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत वाले हादसे के बाद से दिल्ली के कई इलाकों में छात्रों का प्रदर्शन जारी है और प्रशासन की ओर से राजेंद्र नगर समेत अन्य कई इलाकों में कोचिंग और लाइब्रेरी बंद करवा दी गई हैं। ये एक्शन उन सेंटर्स पर लिया गया है जिनकी क्लास रूम बेसमेंट में चल रही थीं। मशहूर शिक्षक और दृष्टि आईएएस के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति की कोचिंग भी बंद कर दी गई है। अब विकास दिव्यकीर्ति की तरफ से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूरे मामले पर अपना पक्ष रखा गया है। विकास दिव्यकीर्ति ने कहा है कि राजेंद्र नगर में हुई त्रासद घटना पर हम अपना पक्ष देरी से रख रहे हैं इसके लिए हमें खेद हैं। दिव्यकीर्ति ने कहा कि हम नहीं चाहते थे कि अधूरी जानकारी के आधार पर हम कुछ कहें। इस देरी के लिए हम क्षमा मांगते हैं। उन्होंने लिखा कि गत 27 जुलाई को जो दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, जिसमें 3 विद्यार्थियों की मौत हो गई, उनके प्रति हम गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। तीनों बच्चों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उनके परिवार को इस क्षति झेलने का हौसला मिले।
दिव्यकीर्ति बोले – हादसे के बाद छात्रों में व्याप्त रोष पूरी तरह न्यायसंगत
विकास दिव्यकीर्ति ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हादसे में जिन बच्चों की जान गई उनके परिजनों से हमारा प्रत्यक्ष परिचय नहीं हुआ है लेकिन दुख की इस घड़ी में हम पूरी तरह के उनके साथ हैं। अगर हम किसी भी तरह उनके लिए कुछ कर सकेंगे तो हम जरूर करेंगे। हादसे को लेकर विद्यार्थियों में जो रोष दिख रहा है, वह पूरी तरह से न्यायसंगत है। बहुत अच्छा होगा अगर इस रोष को सही दिशा मिले और सरकार कोचिंग संस्थाओं के लिये निश्चित दिशा निर्देश लागू करे। इस संबंध में हम सरकार के साथ सहयोग करने के लिए भी तैयार हैं।

दिव्यकीर्ति को केंद्रीय गृह मंत्रालय की समिति से हैं उम्मीदें
कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या जितनी सरल दिखतीं हैं, उतनी है नहीं। इसके कई पक्ष हैं जिनके तार कानूनों की अस्पष्टता और अंतर्विरोध से जुड़ते हैं। डीडीए, एमसीडी और दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के नियमों में असंगति है। इसी तरह दिल्ली मास्टरप्लान-2021, नैश्नल बिल्डिंग कोड, दिल्ली फायर रूल और यूनिफाइड बिल्डिंग बाई-लॉज़ के प्रावधानों में भी काफी अंतर्विरोध है। दिल्ली मास्टरप्लान-2021 को छोड़कर किसी भी दस्तावेज़ में कोचिंग सेंटर्स के लिये साफ प्रावधान नहीं दिये गए हैं। हमें उम्मीद है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति जब एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी तो उसमें इन बिंदुओं का समाधान मिल सकेगा।
दिव्यकीर्ति का दावा – अपने विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर दृष्टि एकेडमी सतर्क
इसी क्रम में विकास दिव्यकीर्ति ने आगे कहा कि हम पूरे विश्वास से कह सकते हैं कि टीम दृष्टि छात्रों की सुरक्षा को लेकर बहुत सतर्क रहती है। हमारी मैनेजमेंट में फायर एंड सेफ्टी ऑफिसर का विशेष पद है जिसमें काम करने वाले अधिकारी नैशनल फायर सर्विस कॉलेज (नागपुर) से पढ़े हुए हैं और बड़े अस्पतालों और मॉल्स में 14 सालों तक, यही काम कर चुके हैं। हम हर सेंटर का नियमित रूप से सेफ्टी ऑडिट करते हैं। इसके अलावा, हर सेंटर के लिए एक-एक अधिकारी की ज़िम्मेदारी होती है कि वह रो सुरक्षा के 16 बिंदुओं को चेक करें और इसकी सूचना बिल्डिंग मेंटेनेंस ग्रुप पर अपडेट करें। हमारे क्लासरूम जहां भी बने हुए हैं, उनमें आने-जाने के लिये कम से कम दो रास्ते हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में बच्चे सुरक्षित निकल सकें। दिल्ली नगर निगम द्वारा पिछले कुछ दिनों में की गई कार्रवाई का हम स्वागत करते हैं।
दिव्यकीर्ति बोले – सरकार कोचिंग वालों के लिए तीन-चार इलाके चुनकर दे दे
दिव्यकीर्ति ने इसी क्रम में आगे और कहा कि इस समस्या का स्थायी समाधान यह है कि सरकार दिल्ली में तीन-चार इलाकों को चुनकर उन्हें कोचिंग सेंटर्स के लिये तय कर दे। अगर सरकार क्लासरूम्स, लाइब्रेरीज़, होस्टल खुद तैयार कराएगी तो न ज़्यादा किराए की समस्या रहेगी और न ही सुरक्षा से जुड़ी परेशानियों की। इस मामले की जटिलता को समझने के लिए हम जल्द ही एक विस्तृत लेख और वीडियो भी जारी करेंगे। ऐसा इसलिए ताकि सभी विद्यार्थियों और अन्य लोगों को सभी पक्षों का अनुमान हो सके। हमें विश्वास है कि जब सारे पक्ष सामने होंगे, तब समाधान की सही राह निकलेगी। साथ ही जाने-अनजाने में हमारी टीम से कोई चूक हुई है तो हम उसके लिये फिर से खेद व्यक्त करते हैं।

अवध ओझा की मांग – ऐसी लापरवाही पर आजीवन कारावास की सजा का हो प्रावधान
मशहूर कोचिंग शिक्षक अवध ओझा ने भी दिल्ली कोचिंग हादसे पर अपनी राय सामने रखी है। ओझा ने कहा कि इस तरह की लापरवाही पर सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान हो और सख्त कानून होने चाहिए ताकि दोषी को आजीवन कारावास की सजा हो। सवाल यह नहीं है कि घटना कैसे हुई बल्कि यह है कि इस तरह की घटनाएं क्यों घटित हो रही हैं। इसी क्रम में अवध ओझा ने सूरत से लेकर बीते दिनों मुखर्जी नगर तक की हुई घटनाओं के हवाले से यह सवाल दागा। साथ ही ऐसे संस्थानों और दोषियों की संपत्ति सील करने की बात कही और हादसे में मृत तीनों विद्यार्थियों को श्रद्धांजलि दी है।