Ranchi: झारखंड में अब साइबर अपराधियों द्वारा साइबर फ्रॉड में ठगे गए पैसे पीड़ितों को वापस मिल सकेंगे। चाहे उन्होंने केस दर्ज कराया हो या नहीं। हाईकोर्ट के आदेश पर डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सभी जिलों के एसपी को पत्र जारी कर इस संबंध में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मनोज द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि 1930 साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करने मात्र से ही पीड़ितों को राहत मिलनी चाहिए। अब केस दर्ज कराना अनिवार्य नहीं रहेगा।
पुलिस रिकाॅर्ड के अनुसार साइबर ठगी के आंकड़े चौंकाने वाले:
वर्ष 2024 में:
- कुल शिकायतें: 17,633
- ठगी की राशि: ₹297 करोड़
- केस दर्ज हुए: 1,498
- जब्त राशि: ₹32.69 लाख
2025 (जून मध्य तक):
- शिकायतें: 9,912
- ठगी की राशि: ₹93 करोड़
- केस दर्ज: 342
- जब्त राशि: ₹8.29 लाख
इससे स्पष्ट होता है कि केवल 10% से भी कम लोग केस दर्ज कराते हैं, जिसके चलते अब तक अधिकतर पीड़ितों को धन वापसी नहीं मिल पाती थी।
कैसे मिलेगा पैसा वापस?
हाईकोर्ट द्वारा तय फॉर्मेट में आवेदन देना होगा। पीड़ित को अपना बैंक खाता नंबर, शिकायत संख्या-1930 (Helpline number -1930) और बैंक द्वारा खाता फ्रीज किए जाने का नोटिस संलग्न करना होगा। झालसा, जिला जज, और पुलिस प्रशासन इस प्रक्रिया को संयुक्त रूप से आगे बढ़ाएंगे। फर्जीवाड़े से फ्रीज की गई राशि को न्यायालय के माध्यम से वापस दिलाने की प्रक्रिया तेज की जाएगी