रांची: उत्पाद अधिनियम, 1915 में वर्णित अपराध पीएमएलए 2000 के दायरे में नहीं आता है। उत्पाद सचिव विनय चौबे ने इडी (उत्पाद निरीक्षण दल) के माध्यम से शराब व्यापार से संबंधित दस्तावेज मांगने के मामले में कानूनी राय के बाद लिखे पत्र में इस तथ्य का उल्लेख किया है।
इसके साथ ही, इडी से कुछ बिंदुओं को स्पष्ट करने के लिए अनुरोध किया गया है।
इस पत्र में उत्पाद सचिव ने इडी से यह कहा है कि निदेशालय ने संयुक्त आयुक्त को समन भेजकर दस्तावेज की मांग की थी। इस प्रक्रिया में, विधि विभाग से कानूनी राय प्राप्त हुई।
उसमें विभाग को यह जानकरी दी गई कि पीएमएलए एक्ट 2002 के तहत विशेष प्रकार के मामलों की जांच की जाती है, जिसमें किसी अपराध से आय की उत्पत्ति हुई हो।
विधि विभाग से प्राप्त राय के आलोक में कुछ बिंदु स्पष्ट नहीं हो रहे हैं। इसलिए, निदेशालय न इडी को कुछ बिंदुओं पर विवेकपूर्ण फैसला करने के लिए वस्तुस्थिति से अवगत कराने का अनुरोध किया है, ताकि सूचनाएं उपलब्ध कराने के मुद्दे पर उचित निर्णय किया जा सके।