लखनऊ : ओलिंपियन मेडलिस्ट IAS को भारत सरकार ने बनाया ज्वाइंट सेक्रेटरी। ओलिंपियन मेडलिस्ट IAS सुहास एलवाई को यूपी से डेपुटेशन पर भारत सरकार ने अपने यहां ज्वाइंट सेक्रेटरी पद पर तैनाती दी है। यूपी सरकार ने इसकी आधिकारिक पुष्टि की है।
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बताया है कि भारत सरकार में जॉइंट सेक्रेटरी का पद संभालने के लिए 2007 बैच के 6 आईएएस अधिकारियों के नाम सूची में शामिल किए गए हैं। इनमें यूपी कैडर के आईएएस सुहास एलवाई भी शामिल हैं।
बता दें कि नोएडा के पूर्व डीएम सुहास तोक्यो पैरालंपिक में सिल्वर के अलावा विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड और पैरा एशियन गेम्स में गोल्ड और ब्रॉन्ज जीत चुके हैं।
उन्हें खेलों में शानदार प्रदर्शन के लिए 2021 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा वह यश भारती से सम्मानित भी किए जा चुके हैं।
कई इंटरनेशनल मेडल जीत चुके हैं सुहास
साल 2007 बैच के IAS सुहास प्रोफेशनल अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय नौकरशाह हैं। आजमगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट रहते हुए उन्होंने इंडोनेशिया के हैरी सुसांतो को हराकर गोल्ड जीता था।
सुहास अपने करियर में अब तक कई इंटरनेशनल और नेशनल गोल्ड मेडल्स जीत चुके हैं। वह यूपी में दिल्ली से सटे नोएडा में DM के रूप में अपनी प्रशासनिक कार्यकुशलता से राज्य एवं वरिष्ठ सरकार के मुखिया का एकाधिक बार ध्यान आकृष्ट कर चुके हैं।

PM Modi से हुई मुलाकात में बिना झिझके IAS सुहास ने कहा था- ‘बचपन में हम दूरदर्शन में ‘हम होंगे कामयाब देखते थे..’! सर जब मेरी शिक्षा गांव से शुरू हुई थी।
…3 बार सर मुझे स्कूल वालों ने एडमिशन नहीं दिया और जिंदगी के सफर ने सर आज पैरालंपिक में मेडल दिला कर आपके बगल में बैठने का सौभाग्य दिलाया है। यह मेरे लिए मेडल से कम नहीं है और मैं भगवान को बहुत ज्यादा धन्यवाद देना चाहता हूं।
सर, मेरे स्वर्गीय पिताजी कहां करते थे- स्कूल में अभी सीट नहीं मिला तो कोई बात नहीं, कभी ना कभी तुम जिंदगी में करके दिखाना..।
मुझे लगता हैं जब आज मैं आपके बगल में बैठा हूं… देश के प्रधानमंत्री के बगल में बैठा हूं तो कहीं न कहीं उन्हें खुशी मिल रही होगी। मैं इसे जिंदगी का भाग्यशाली दिन मानता हूं।’

दाहिने पैर से दिव्यांग हैं IAS सुहास एलवाई
कनार्टक के शिमोगा के रहने वाले सुहास एलवाई का पूरा नाम सुहास लालिनकेरे यतिराज है। उनका जन्म 2 जुलाई 1983 को हुआ थ। सुहास बचपन से ही एक पैर से दिव्यांग हैं। उनका दाहिना पैर पूरी तरह फिट नहीं है।
IAS सुहास एलवाई यूपी में 2023 से युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग के सचिव एवं महानिदेशक भी रहे हैं। बड़े-बड़े अधिकारी सैल्यूट ठोकते हैं। जब भी कहीं जाते हैं तो पूरा लाव लश्कर साथ होता है। एक इशारे पर क्या कुछ नहीं कर सकते हैं।
प्रोटोकॉल के तहत वह किसी सेलिब्रिटीज से कम नहीं हैं, लेकिन क्या हमेशा से उनकी जिंदगी ऐसी ही थी तो बता दें कि ऐसा नहीं है। सुहास ने टोक्यो पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीतने के बाद PM Modi से हुई मीटिंग में बताया था कि किस तरह उन्हें 3 बार स्कूल में एडमिशन नहीं मिला था।
पैरालंपिक में जाने से पहले IAS सुहास एलवाई ने कहा था- ‘मैंने अपनी निजी जिंदगी का बहुत त्याग किया है। मैंने अपनी निजी जिंदगी खेलों को समर्पित कर दी। पिछले छह महीनों से नौकरी के अलावा मैं अपने खेल को काफी समय दे रहा हूं।’

IAS सुहास की पत्नी ऋतु यूपी में हैं PCS अधिकारी…
IAS सुहास की शादी ऋतु सुहास से हुई है, जो खुद एक PCS अधिकारी हैं और गाजियाबाद में एडीएम (प्रशासन) के पद पर रही हैं। इस जोड़े के दो बच्चे हैं- पांच साल की बेटी सानवी और दो साल का बेटा विवान।
खेलों में अपनी उपलब्धियों का श्रेय अपनी फैमिली को देते हुए IAS सुहास ने एक बार चंद दिनों पहले ही कहा था- ‘…उनके (परिवार) के समर्थन के बिना मैं आज जो कुछ भी हूं वो नहीं होता। उन्होंने मुझे बैडमिंटन में अपने सपनों को पूरा करने से कभी नहीं रोका।
…उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया और मुझे अपने खेल में और अधिक ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।’