रांची: वर्ष 2019 से लंबित 25 हजार रुपये के मुकदमा खर्च की वसूली के लिए रांची सिविल कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को रातू अंचल कार्यालय की अचल संपत्ति अटैच कर ली गई।
मुंसिफ चंदन कुमार गोस्वामी की अदालत ने 12 फरवरी को यह आदेश दिया था, जिसके अनुपालन में सिविल कोर्ट के नाजिर कार्यालय की टीम ने कार्रवाई की।
हीरावती देवी ने मौजा बेलांगी स्थित जमीन की रसीद कटवाने के लिए वर्ष 2016 में मुंसिफ कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें राजस्व सचिव, कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर, एडिशनल कलेक्टर, एलआरडीसी, सीओ और सीआई को प्रतिवादी बनाया गया था। कोर्ट ने 19 नवंबर 2019 को हीरावती देवी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रातू अंचल कार्यालय को निर्देश दिया कि वह वर्ष 1968 से लंबित जमीन किराया लेकर उनके पक्ष में रसीद जारी करे।
साथ ही, कोर्ट ने अंचल कार्यालय को मुकदमा खर्च के रूप में 25 हजार रुपये दो महीने के भीतर भुगतान करने का आदेश दिया था। चूंकि यह राशि अब तक भुगतान नहीं की गई, हीरावती देवी ने 2021 में एग्जीक्यूशन केस दायर किया।
मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने रातू अंचल कार्यालय की संपत्ति अटैच करने का आदेश दिया। आदेश के अनुपालन में सिविल कोर्ट के नाजिर कार्यालय की टीम—जीशान इकबाल, धर्मेंद्र सिंह और सत्यदेव कुमार—गुरुवार को अंचल कार्यालय पहुंची और अटैचमेंट की प्रक्रिया पूरी की।
इस कार्रवाई के बाद अब रातू अंचल कार्यालय को मुकदमा खर्च की राशि चुकानी होगी, अन्यथा कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।