पटना : पटना पुलिस के द्वारा कार्यकर्ताओं की पिटाई और 8 कार्यकर्ताओं के खिलाफ नामजद एफआईआर करने के मामले पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि मैं पुलिस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा क्योंकि उनको ऊपर से जो आदेश आया उन्होंने वही किया. मेरे मन में पुलिस के खिलाफ कुछ भी नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए चिराग ने कहा कि सीएम नीतीश पुलिस को ये आदेश देते हैं कि जाकर उन बिहारियों को रौंद दो. इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता है. वो भी एक ऐसा मुख्यमंत्री हैं जहां राज्य में अपराध चरम सीमा पार कर गई है. बढ़ते अपराध पर नीतीश कुमार क्यों चुप हैं. उनको मौन साधने के लिए सीएम नहीं बनाया गया है.
चिराग पासवान ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जब हमारे कार्यकर्ता शांति रूप से मार्च कर रहे थे तो क्यों पुलिस ने हमारे कार्यकर्ताओं को बुरी तरह से पीटा. कई कार्यकर्ताओं की हड्डी टूट गई, कई को चोटें भी आई और हमारे 8 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है. मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछना चाहता हूं कि जिस तरह से उन्होंने हमारे पार्टी को तोड़ा, हमारे परिवार को तोड़ा क्या अब फिर एलजेपी रामविलास को तोड़ना चाहते हैं. एफआईआर करना ही था तो मुझ पर करते उस मार्च का नेतृत्व तो मैं ही कर रहा था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योंकि उन्हें डर था कि मेरे विरुद्ध अगर कार्रवाई करते हैं तो मैं बड़ा नेता बन जाता.
उन्होंने कहा कि राज्य में बढ़ते अपराध पर मुख्यमंत्री का आज तक एक बयान नहीं आया है. मेरे कार्यक्रम के दौरान बसों और पुलिस की गाड़ी को उल्टी दिशा में क्यों भगाया गया. जब वहां हमारे कार्यकर्ता मौजूद थे. उस काफिला में मेरी माता जी की भी गाड़ी थी, जब उल्टी दिशा में गाड़ी को भगाया गया. आखिर सरकार की मंशा क्या थी. कल जिस तरह से घटना घटी उस समय हमारे कार्यकर्ता ने शालीनता का परिचय दिया. इन सबके बावजूद भी हम और हमारे कार्यकर्ताओं ने किसी तरह की धक्का-मुक्की नहीं की. हमलोग शालीनता के साथ आईटी गोलंबर तक पैदल मार्च किये.
चिराग ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता का क्या दोष था, जिसे कुचलने का प्रयास किया गया. क्योंकि वे अपनी अधिकार की मांग कर रहे थे. आपको अपनी गलती का एहसास दिला रहे थे. मैं अपने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं जो उन्होंने साहस का परिचय दिखाया. जब पुलिस गिरफ्तारी के लिए आये तो हमलोग शांतिपूर्वक गिरफ्तारी दी. गिरफ्तारी के बाद कार्यकर्ताओं के बीच झूठी अफवाहे फैलायी गयी.
चिराग पासवान ने कहा कि मेरी मां को मुझसे मिलने के लिए रोका गया. मेरी मां 44 साल से बिहार आ रही हैं. वो हमेशा बिहार के लोगों के साथ सुख-दुख की घड़ी में खड़ी रही. उनको भी रोका गया. हमलोगों के ऊपर चरणबद्ध तरीके से एफआईआर दर्ज किया गया. कल जो मेरे नेतृत्व में मार्च किया गया वो बिहार बचाओ मार्च था. अगर सबसे पहले एफआईआर दर्ज होनी थी वो मेरे ऊपर होनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. आखिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्यों डरते हैं.
रिपोर्ट : शक्ति
सीएम नीतीश ने सम्राट अशोक की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया नमन, जयंती मनाने पर कह दी बड़ी बात
नीतीश के शासन काल में हर जगह हो रहा है बिहारियों का अपमान- चिराग पासवान