प्रपोज डे: प्रपोज डे झारखंड के ग्रामीण इलाका में एक आशिक के लिए एक खास दिन होवे के रहा। हरेक साल के तरह, इ दिन भी सूरज अपन गर्मी अउ रौशनी लेकर आयल, लेकिन इ साल के सूरज कुछ खास चीज़ खातिर होवे वाला रहा—दिल के बात कहे के मौका।
रामु, जे झारखंड के एक छोट सन गांव में रहत रहय, अपन प्रेमिका, शारदा से बहुत सच्चा प्यार करत रहय। उनकर प्रेम कहानी साधारण रहय। बचपन में एक दुसरे से मिलल, बचपन के खेल कूद से लेकर आज तक, दुनो एक-दूसरे के संग रहेन। लेकिन अब, रामु कुछ खास करना चाहत रहय।
प्रपोज डे के दिन ओकरे खातिर खास बन गे रहय। रामु पहिलही सोच लिहल रहय कि उ इ दिन अपन दिल के बात शारदा से कहिहे। उ जानत रहय कि शारदा बहुत समझदार हय, लेकिन एक छोटे गाँव में, जहा लोग अपन भावना कम व्यक्त करथिन, ओकरा डर लगत रहय कि शारदा ओकर बात समुझही या नहीं।
लेकिन रामु अपन दिल से सोच लिहल रहय कि इ बार ओ अपन भावना शब्द में ढाल के शारदा के सामने राखी। उ एक सादा सा ग्रीटिंग कार्ड खरीदी। उस पर एक प्यारी सी लाइन लिखी रहय: “हां, मैंने सिर्फ तुमसे प्यार किया है।”
सुबह से ही रामु कार्ड अपन जेब में रख के शारदा के इंतजार करत रहय। जब दुनो उ पुराना पीपल के पेड़ के नीचे मिले, जहा वे अक्सर बचपन में मिलते रहलन, रामु गहरी सांस ली अउ धीरे-धीरे कार्ड शारदा के ओर बढ़ाई।
“इ का ह?” शारदा सवाल कइलिन।
रामु हलकी मुस्कान के साथ कहिस, “इ हमार दिल के बात ह। शारदा, हमके तुमसे सिर्फ एक बात कहे के ह—हां, मैंने सिर्फ तुमसे प्यार किया है।”
शारदा चौंक के ओकर आँखिन में देखिन, लेकिन बाद में उ समुझ गयल कि इ वही प्रेम ह, जे रामु बचपन से लेकर आज तक ओकर आँखिन में दिखा रहल रहय। ओकर आँखिन में उ विश्वास रहय, उ सच्चाई रहय, अउ वही प्यार रहय, जे शारदा कभी शब्दों में नहीं कह पाई थी।
शारदा धीरे-धीरे हाँ में सिर हिलाइ, अउ दुनो के दिल एक नए रिश्ते में बंध गे। इ एक साधारण दिन रहय, लेकिन उनकर खातिर उ दिन सबसे खास बन गे।