कटिहार- कोरोना की बंदी एक मजदूर के सौगात बन कर आई. कभी दो जुन की रोटी के लिए बीबी बच्चे से दूर रहकर परदेस में चाकरी करता यह मजदूर अब मोपेड में सत्तू पीसने की मशीन सेट कर शुद्ध सत्तू का कोरोबार कर रहा है.
बड़ी बात यह है शुद्ध और सस्ता होने के कारण मजदूर रोशन राज का यह मोपेड वाला ऑनलाइन सत्तू दुकान जहां भी जाता है ग्राहकों का तांता लग जाता है.
रोशन कहता है कि लोग मुझे अब ऑनलाइन सत्तू वाला के नाम से पुकराने लगे हैं. एक चौक से दूसरे चौक घूम-घूम कर मेरा यह सफर जारी रहता है. जहां पहले महीने भर की चाकरी के बाद एक निश्चित राशि मिलती थी, वहीं अब हर दिन रुपया देख रहा हूं. इनकम भी बढ़ गई है. शाम होते ही अपने बीबी बच्चे से साथ मस्ती भरी जिन्दगी जीता हूं.