Begusarai यह पेरिस वाला प्यार, ना उम्र की सीमा हो, ना जन्म का हो बंधन, जब प्रेम करे कोई तो देखे केवल मन’ राज बब्बर पर फिल्माया गया फिल्म प्रेम रोग का यह गीत तो आपने जरूर सुना होगा.
लेकिन इसे रुपहले पर्दे से बाहर निकाल जीवन खुरखुरे घरातल उतारने का काम किया है भगवानपुर थाना बिहार निवासी राकेश कुमार ने.
दरअसल राकेश कुमार पेशे से गाईड है, पर्यटकों को घुमाना और
उनके सुख-सुविधाओं का ख्याल रखना उसका पेशा. ऐसे ही एक पर्यटक थी पेरिस की रहने वाली मैरी लौर हेयर.
यह पेरिस वाला प्यार- फ्रांस से भारत भ्रमण पर आई थी मैरी, राकेश बना था गाईड
फ्रांस के पेरिस शहर की रहने वाली मैरी.
पांच साल पहले मैरी भी एक पर्यटक के बतौर भारत भ्रमण पर आयी थी.
संयोग से पेशे से गाइड रहे राकेश से मिलना हुआ और बस चन्द दिनों में भी दोनों एक दूसरे की याद में खोने लगें.
एक दूसरे से चन्द लम्हे अलग होते ही एक अजीब सी बेचैनी होने लगी.
मैरी के वापस फ्रांस जाते ही राकेश खोया-खोया रहने लगा. उधर मैरी भी उदास रहने लगी.
दोनों एक दूसरे के बीना अपने आप को अधूरा महसूस करने लगें.
फिर दोनों ने एक दिन धर्म, राष्ट्रीयता और रंग की दीवार को तोड़ एक दूसरे में समाहित होने का निर्णय ले लिया.
बुलंद हौशले और नेक इरादों के साथ दोनों का प्रेम कारवां बढ़ता ही गया,
फिर तीन साल पहले मैरी के अनुरोध पर राकेश भी फ्रांस चला गया.
दोनों से एक साथ व्यवसाय करने का फैसला लिया.
इस प्यार के कशिश की जानकारी मैरी के परिवारवालों को भी मिली. फिर मैरी से परिजनों ने राकेश के घरवालों को इसकी जानकारी दी.
शुरुआती हिचक और अंदेशे का बाद धीरे-धीरे दोनों के जिद्द और समर्पण के आगे परिजनों ने भी अपनी रजामंदी दे दी. आखिरकार मैरी अपने परिजनों के साथ भारत पहुंची
और 21 नवंबर की रात पूरे भारतीय रस्मों-रिवाज के साथ
राकेश के साथ अग्नी के सात फेरे लेकर एक दूसरे का हमसफर बनने की घोषणा कर दी.
रिपोर्ट- सुमित
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