जमशेदपुर : परसूडीह में जेबीवीएनएल कर्मचारी के कनपट्टी पर हथियार सटाकर 20,300 की लूट
जमशेदपुर : परसूडीह ईलाके में रंगदारों का कितना बोल-बाला है यह 31 मर्ई की रात देखने को मिला। यहां पर जेबीवीएनएल के कर्मचारी की कनपट्टी पर हथियार सटाकर 20,300 रुपये लूट लिया गया। घटना के बाद मामला परसूडीह थाने में भी पहुंचा। दो दिनों के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने पर मामले को भुक्तभोगी एसएसपी के पास लेकर गए और न्याय की गुहार लगाई।
सरोज अपने साथियों के साथ आया था रंगदारी मांगने
घटना के बारे में जेबीवीएनएल के कर्मचारी नीतीश कुमार ने इसकी शिकायत एसएसपी से मंगलवार से की और कहा है कि रंगदारी मांगने के लिए उसके पास सरोज अपने 8-10 बदमाशों के साथ आया था। रंगदारी देने से आना-कानी करने पर उसके साथ पहले मारपीट की गई। उसके बाद सरोज ने कनपट्टी पर हथियार सटा दिया और जेब से नकद 20 हजार 300 रुपये निकाल लिए।
अपहरण करने की दी धमकी
नीतीश का कहना है कि उसे बदमाशों ने ट्रॉफिक कॉलोनी आवास से अपहरण कर लेने की भी धमकी दी है। उसका कहना है कि वह अंडर ग्राउंड केबुल का काम करा रहा था। इसके पहले भी जब उसने परसूडीह ईलाके में काम शुरू कराया था, तब भी रंगदारी मांगी गई थी। नहीं देने पर काम को रुकवा दिया था।
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चाईबासा : मंत्री मिथिलेश ठाकुर का दावा जल्द कोरोना महामारी से मुक्त होगा झारखण्ड
चाईबासा : मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कहा है की बहुत जल्द झारखण्ड कोरोना महामारी से मुक्त होगा । उन्होंने कहा की राज्य के मुखिया सीएम हेमंत सोरेन कम संसाधन में भी कोरोना को काबू करने का उल्लेखनीय कार्य किया है । केंद्र सरकार के उदासीनता के बावजूद सरकार ने दिखा दिया की कोरोना से लड़ाई में सीएम कितने प्रभावी रूप से काम कर रहे हैं । नतीजा यह है की चाईबासा अब अनलॉक की तरफ बढ़ गया है । केंद्र सरकार की तरह हम रातों-रात फैसला लेकर जनता को मुसीबत में डालने का काम नहीं करते इसलिए सीएम सभी का सुझाव लेकर कदम आगे बढ़ा रहे हैं । कोरोना से जंग में जनता का भी सीएम हेमंत सोरेन को पूरा साथ मिल रहा है यही वजह है की झारखण्ड सरकार कोरोना को काबू कर पाने में सफल है ।
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चाईबासा : मंत्री ने किया मंगला हाट का दौरा, पीड़ित दुकानदारों को मिलेगा मुआवजा
चाईबासा : झारखंड के पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने चाईबासा मंगला हाट का दौरा किया । मंगला हाट की नौ दुकाने आगलगी की घटना में जलकर राख हो गयी थी । मंत्री इसी घटना में हुए नुकसान का अवलोकन करने और पीड़ित दुकानदारों से मिलने मंगला हाट पहुंचे थे । मंत्री ने मौके पर पहुँच
बाज़ार का जायजा लिया वहीँ जली हुई दूकान को भी देखा । मंत्री ने इस घटना पर दुःख जताया और कहा की ऐसी घटनाएँ हर साल होती है जिसमें गरीब दुकानदारों को बड़ा नुक्सान होता है । उन्होंने मामले पर संज्ञान लेते हुए बाज़ार की सभी दुकानों को कानूनी रूप से व्यवस्थित करने का निर्देश चाईबासा कार्यपालक पदाधिकारी को दिया । वहीँ अपने मंत्रालय के तरफ से फौरी राहत देते हुए 15-15 हजार रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की ।
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जमशेदपुर : टाटा-हाता मेन रोड़ पर ट्रक दुर्घटनाग्रस्त, बड़ा हादसा टला
जमशेदपुर : टाटा-हाता मेन रोड़ पर मंगलवार की सुबह एक ट्रक अनियंत्रित होकर गीतिलता में एक घर में घुसने से बच गया, अन्यथा एक बड़ा हादसा हो सकता था। घटना के बाद स्थानीय लोग एकजूट हो गए थे। हालाकि मकान को किसी तरह का नुकसान नहीं होने पर लोगों का गुस्सा जल्द ही शांत हो गया। चालक और खलासी दोनों ही पकड़े गए थे, लेकिन दोनों को दंडित करने के बाद छोड़ दिया गया।
स्पीड ब्रेकर बना कारण
ट्रक दुर्घटना के बारे में बताया गया जा रहा है कि गीतिलता में स्पीड ब्रेकरों की संख्या ज्यादा होने के कारण इस तरह की घटना घटी है। सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर ही यहां पर 5 की संख्या स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं।
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सेना, धर्म और धर्मनिरपेक्षता:जहां MMG सिर्फ मीडियम मशीन गन नहीं, मंदिर-मस्जिद और गुरुद्वारा भी है
- सेना में धर्म का इस्तेमाल एक धर्म या इलाके के लोगों को एक साथ लाने या फिर एक ईश्वर से प्रेरणा लेने के लिए होता है
- सेना की बटालियन भले धर्म-प्रांत पर आधारित हैं, पर सेना धर्मनिरपेक्ष है, वो सैनिकों को भारत माता से ही जोड़ते हैं
देश में इन दिनों त्यौहारों का मौसम है। नवरात्र में कई हिंदू व्रत रखते हैं। वैसे तो मैं व्रत नहीं रखता, लेकिन जब अपनी रेजिमेंट के जवानों के साथ पोस्टेड था तो चाहे नवरात्र हो या रमजान में व्रत और रोजे दोनों रखता था। मेरे या किसी भी आर्मी ऑफिसर के लिए उसके धर्म से ज्यादा जो अहम है, वो बतौर सैनिक उसकी ड्यूटी, उसकी जिम्मेदारी, अपने सैनिकों के साथ एकजुटता है। मैं जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री रेजिमेंट से हूं। मेरी रेजिमेंट में हर धर्म के सैनिक हैं। और हम सब साथ रहते हैं, ट्रेनिंग लेते हैं, हंसते, खेलते और खुशी-खुशी मौत को गले लगा लेते हैं। ये मॉडल अपने आप में अद्भुत और अनुकरणीय है।
भारतीय सेना दुनिया की असाधारण सेना है, जिसकी लड़ाकू पैदल सेना की संरचना धर्म और धार्मिक मान्यताओं के आसपास हुई है, लेकिन सेना खुद में धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक-सांप्रदायिक एकता का चमकता हुआ उदाहरण है। सेना में धर्म का इस्तेमाल एक धर्म या इलाके के लोगों को एक साथ लाने या फिर एक ईश्वर से प्रेरणा लेने के लिए होता है। सैनिक उसे भारत माता से जोड़कर देखता है। और भारतीय सैनिक देश के लिए अपना सबकुछ कुर्बान करने को राजी हो जाता है।
हमारी रेजिमेंट सैनिकों को एक उद्देश्य हासिल करने के लिए अलग-अलग बैटल क्राय यानी नारे और अलग-अलग मजहब से जोड़ती हैं। रेजिमेंट का बैटल क्राय भले, आयो गोरखाली, बद्री विशाल की जय या फिर भारत माता की जय हो। ये सभी सैनिकों के शौर्य और त्याग को भारत माता से ही जोड़ते हैं। यही वजह है कि धर्म और इलाकों के नाम पर लड़ाई की जगह सेना एक ऐसा स्ट्रक्चर है जो अलग-अलग धर्म और इलाकों को एकजुट करता है।
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बायजू रवींद्रन का कॉलम:शोध बताते हैं कि लर्निंग के नतीजों को मापने के लिए लगातार मूल्यांकन, समय-समय पर होने वाली परीक्षाओं से बेहतर तरीका है
बायजू रवींद्रन का कॉलम – बच्चों के सीखने का तरीका शायद 100 साल में पहली बार बदल रहा है। स्मार्टफोन और डिवाइस फिजिकल क्लास की अस्थायी गैर-मौजूदगी में लर्निंग का प्राथमिक साधन बनकर उभरे हैं। इस प्रकिया में अपने सीखने का रास्ता बनाने के लिए छात्र नई विधियां खोज रहे हैं। अब लर्निंग छात्र-केंद्रित हो रही है और बच्चे खुद सीखने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं।
द हार्वर्ड स्कूल ऑफ ग्रैजुएट एजुकेशन का शोध बताता है कि छात्र-केंद्रित लर्निंग ऐसे लर्नर बनाती है, जो जीवनभर सीखते हैं। साथ ही यह कक्षा में हर छात्र की जरूरत को शामिल करती है। यह बताता है कि जब छात्रों का लर्निंग पर ज्यादा नियंत्रण होता है, तो वे सीखने में ज्यादा रुचि लेते हैं और ज्ञान की प्यास बनाए रखने के नए तरीके तलाशते हैं।
जब बच्चे दुनिया को समझने के लिए अपनी जिज्ञासा का इस्तेमाल करते हैं जो उनकी लर्निंग बनी रही है और उसका ज्यादा असर होता है। इससे बाद में उन्हें अपने पेशेवर जीवन को आकार देने में भी मदद मिलती है। दुनिया में सबसे बड़ा के12 एजुकेशन सिस्टम भारत में है, इसिलए भारतीय युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करना बतौर देश हमारा मुख्य कार्य होना चाहिए।
करीब 26 करोड़ स्कूल एनरोलमेंट के साथ हम दुनिया की सबसे युवा वर्कफोर्स बनने की क्षमता रखते हैं। फिर भी इस जानसांख्यकीय लाभ को पाने के लिए हमें कुछ जमीनी तैयारी करने की जरूरत है। यह बहुत जरूरी होगा कि आने वाले एक दशक में हम अपने शिक्षा तंत्र को कैसे आकार देते हैं और युवाओं को सशक्त करते हैं। इससे ही देश की आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित हो पाएगी।
हाल ही में आई इंडिया स्किल रिपोर्ट के मुताबिक देश में अभी 47% से भी कम छात्र रोजगार-योग्य हैं। इसका एक मुख्य कारण है हमारे पाठ्यक्रम परीक्षाओं के दृष्टिकोण से तैयार किए गए हैं। छात्रों को सवालों के जवाब देने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जब बच्चे अंक पाने के उद्देश्य से परीक्षा में बैठते हैं तो वे रटने पर निर्भर हो जाते हैं और आखिरकार अपनी लर्निंग भूल जाते हैं। दूसरी तरफ अगर बच्चे जो सीखते हैं, उसका अनुभव भी करते हैं तो वे कंसेप्ट को बेहतर ढंग से समझते हैं और उनके अंक अपने आप आते हैं। बच्चों को लर्निंग से प्यार हो, इसके लिए एडटेक इंडस्ट्री कुछ काम कर सकती है।
US प्रेसिडेंट से जुड़े 9 रोचक तथ्य:4 बार राष्ट्रपति रहे रूजवेल्ट, बिना चुनाव जीते मुकद्दर के सिकंदर बने फोर्ड
1. ट्रम्प 44वें राष्ट्रपति
ट्रम्प अमेरिका के 45वें नहीं बल्कि, 44वें राष्ट्रपति हैं। दरअसल, ग्रोवर क्लीवलैंड 1884 में चुनाव जीते और राष्ट्रपति बने। 1888 में वे हारे और फिर 1892 में राष्ट्रपति बने। यानी बतौर क्लीवलैंड के कार्यकाल दो थे, लेकिन साल अलग-अलग था। ‘टर्म इन ऑफिस’ रूल के तहत उन्हें दो बार गिना जाता है। लेकिन, बतौर इंडिविजुअल क्लीवलैंड एक ही थे। वे 22वें और 24वें राष्ट्रपति रहे।
2. 4 बार प्रेसिडेंट रहे रूजवेल्ट
1945 में 22वें संविधान संशोधन के पहले तक अमेरिका में यह तय नहीं था कि एक व्यक्ति कितनी बार राष्ट्रपति बन सकता है। फ्रेंकलिन डी. रूजवेल्ट ने 1933 से 1945 तक तीन टर्म पूरे किए। चौथी बार भी जीते। लेकिन, कुछ दिन बाद मौत हो गई।
3. सबसे कम और सबसे ज्यादा उम्र के राष्ट्रपति
जॉन एफ कैनेडी 43 साल की उम्र में राष्ट्रपति बने। संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति बनने के लिए आयु 35 साल होना चाहिए। रोनाल्ड रीगन जब दूसरे कार्यकाल के लिए चुने गए तब उनकी उम्र 73 साल थी। बाइडेन जीते तो यह रिकॉर्ड टूट जाएगा। 20 जनवरी को अगर वे शपथ लेते हैं तो उस वक्त उनकी उम्र 78 साल से ज्यादा होगी। 20 नवंबर को वे 78 साल के हो जाएंगे।
CAIR एग्जिट पोल:69% अमेरिकी मुस्लिमों ने जो बाइडेन को वोट दिया, ट्रम्प के पक्ष में महज 17%
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव:नतीजों में देरी के कारण समर्थकों कई शहरों में हिंसक झड़प; व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शन
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के आखिरी नतीजों में देरी के कारण कई शहरों में दोनों पक्षों के समर्थकों के बीच झड़प हो गई। वॉशिंगटन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ अश्वेतों का आक्रोश दिखाई दिया। यहां हजारों लोग व्हाइट हाउस के पास ब्लैक लाइव मैटर प्लाजा पर एकजुट हुए। पिछले कुछ दिनों से यह जगह अश्वेतों के आंदोलन का प्रमुख स्थान बना हुआ है। इन लोगों ने ट्रम्प के खिलाफ नारे लगाए। सड़कें जाम कीं और पटाखे फोड़े।
इनमें से कई लोगों की पुलिस से झड़प हो गई। वॉशिंगटन की मेयर मुरियल बॉउसर ने कहा, ‘कुछ लोगों ने जानबूझकर अफरा-तफरी फैलाने की कोशिश की।’ इधर, सिएटल में प्रदर्शनकारियों ने ट्रैफिक रोक दिया। पुलिस ने यहां दो गुटों में हिंसक झड़प के बाद आठ लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा कि कुछ लोगों ने हमारे एक अधिकारी पर हमला किया था।
न्यूयॉर्क में लोग नारे लगा रहे थे- ‘हमें इंसाफ नहीं मिला तो किसी को शांति नहीं मिलेगी।’ प्रदर्शनकारियों के पोस्टरों पर लिखा था-‘ट्रम्प हमेशा झूठ बोलते हैं।’ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया। यहां हिंसा की आशंका के बीच सैकड़ों दुकानें बंद रहीं। दूसरी ओर प्रशासन ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट जारी किया है। एजेंसियों से कहा गया है कि पूरे नतीजे घोषित होने के बाद स्थिति बिगड़ सकती है।
फिर से विवादों में तेजप्रताप, युवा राजद महानगर अध्यक्ष ने लगाया मारपीट का आरोप
जमीन विवाद में दो पक्षों के बीच जमकर हुई मारपीट, तीन लोग घायल
सीएम नीतीश ने की बाढ़ पूर्व की तैयारियों की समीक्षा, कहा- छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने की बनाएं योजना
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CAIR एग्जिट पोल:69% अमेरिकी मुस्लिमों ने जो बाइडेन को वोट दिया, ट्रम्प के पक्ष में महज 17%
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में इस बार मुस्लिम वोटर्स ने रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग की है। ज्यादातर की पहली पसंद डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन रहे। काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशन (CAIR) के एग्जिट पोल में यह दावा किया गया है।
संगठन ने मंगलवार रात पोल के नतीजे घोषित किए। इसके मुताबिक, कुल 89% मुस्लिमों ने चुनाव में वोट डाले। इनमें से 69% ने जो बाइडेन को वोट दिया। महज 17% ने डोनाल्ड ट्रम्प पर भरोसा जताया। इस पोल में कुल 844 रजिस्टर्ड मुस्लिम वोटर्स ने हिस्सा लिया।
ट्रम्प को 4% ज्यादा समर्थन
2016 के चुनाव की तुलना में इस बार ट्रम्प को 4 प्रतिशत ज्यादा समर्थन मिला है। 4 साल पहले उन्हें 13 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिले थे। CAIR के नेशनल एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर निहाद अवाद ने कहा कि संगठन अमेरिका के 1 लाख से ज्यादा मुस्लिमों का शुक्रिया अदा करता है। उन्होंने इस चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग की। मुस्लिम समुदाय पूरे देश में चुनाव नतीजों पर असर डालने की क्षमता रखता है। इसीलिए इसे उम्मीदवारों और मीडिया में काफी तवज्जो मिली।
CAIR डायरेक्टर ऑफ गवर्नमेंट अफेयर्स रॉबर्ट एस. मैकॉ का कहना है कि मुस्लिम वोट देते हैं। लोकल, स्टेट और नेशनल लेवल की राजनीति में हमारे समुदाय की भूमिका से कोई नकार नहीं सकता। अब समय आ गया है कि हम जिन नेताओं को चुनते हैं, उन्हें सभी अमेरिकियों के नागरिक और धार्मिक अधिकारों को बरकरार और सुरक्षित रखने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए।
क्या है CAIR
CAIR अमेरिका का सबसे बड़ा मुस्लिम सिविल राइड्स एंड एडवोकेसी ऑर्गेनाइजेशन है। इसका मकसद इस्लाम की समझ को बढ़ाना, नागरिक अधिकारों की रक्षा करना, न्याय को बढ़ावा देना और अमेरिकी मुसलमानों को मजबूत बनाना है।