सीतामढ़ी : बिहार में सबसे पहले बाल विवाह मुक्त गांव की परिकल्पना साकार करने वाले सीतामढ़ी जिला के परिहार प्रखंड अंतर्गत बथुआरा पंचायत के मुखिया सह अध्यक्ष पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति धनेश्वर पासवान के नेतृत्व में किए सार्थक प्रयास, पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति एवं एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (बचपन बचाओ आंदोलन) के सहयोग से निरंतर अभियान के तहत अनूठी पहल किए जाने से बथुआरा पंचायत में शिक्षा का अलख जगा है। साथ ही बाल विवाह एवं बाल श्रम जैसी कुरीतियों का भी अंत इस पंचायत में हुआ है। इस वर्ष 70 के करीब छात्र-छात्रा 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने में सफलता हासिल की है। इस उपलब्धि पर पंचायत के मुखिया धनेश्वर पासवान के द्वारा पंचायत के मुजोलिया बाजार स्थित प्रांगण में सम्मान समारोह आयोजित कर 10वीं एवं 12वीं में प्रथम श्रेणी से सफल छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को सम्मानित किया गया।
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शिक्षा के साथ संस्कारों का विकास ही जीवन निर्माण को विकसित कर सकती है – मुखिया धनेश्वर पासवान
इस अवसर पर मुखिया धनेश्वर पासवान ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ संस्कारों का विकास ही जीवन निर्माण को विकसित कर सकती है। शिक्षा से ही समाज का विकास संभव है। शिक्षा प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। शिक्षा से ही व्यक्ति का विवेक जागृत हो सकता है। जागरूकता ही बदलाव की कुंजी है। निरंतर जागरूकता अभियान का सार्थक परिणाम भी हमारे पंचायत को मिला जिससे सबसे पहले पंचायत के दुबे टोल गांव को बाल-विवाह मुक्त गांव एवं बथुआरा पंचायत को बाल श्रम मुक्त पंचायत का दर्जा मिला। जरूरत है कि हम सभी लोग निरंतर बच्चों के अधिकार एवं उनके कल्याण की रक्षा हेतु सामूहिक रूप से प्रयास करे। इस अवसर पर पंचायत के सभी लोगों ने मिलकर बच्चों के शिक्षा एवं सुरक्षा के लिए सामूहिक रूप से निरंतर प्रयास करने का संकल्प मुखिया धनेश्वर पासवान के साथ लिया।
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अमित कुमार की रिपोर्ट