धार्मिक ग्रंथ पर टिप्पणी करना गलत
पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने बीजेपी नेता पर भी साधा निशाना
रोहतास : शिक्षा मंत्री- देश में इन दिनों धार्मिक ग्रंथ और जातिवाद पर नेताओं द्वारा दी जा रही बयान पर बिहार के पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने सासाराम में कड़ी निंदा की. बिहार पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने कहा कि देश में जब से भाजपा की सरकार आयी है तब से जाति विशेष, धार्मिक ग्रंथ पर लगातार टिप्पणी हो रही है. इस तरह की टिप्पणी आए दिन भाजपा के नेता करते रहते हैं, ताकि मीडिया में बने रहे.
शिक्षा मंत्री: धार्मिक ग्रंथ पर टिप्पणी करने से बचें
उन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर कहा कि उनको ऐसी टिप्पणी नहीं करना चाहिए. धार्मिक ग्रंथ पर किसी प्रकार की टिप्पणी करना गलत है. वहीं बिहार के पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम सासाराम में मीडिया से बातचीत के दौरान भाजपा पर कई आरोप लगाये.

2014 से पहले नहीं होती थी ऐसी बयानबाजी
पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने कहा कि किसी जाति विशेष या धर्म के ग्रंथों पर टिप्पणी करना बिल्कुल निंदनीय है. वर्ष 2014 से पहले नेता इस तरह की टिप्पणी नहीं किया करते थे, लेकिन 2014 के बाद भाजपा के मोदी सरकार बनने के साथ नेता इस तरह के बयान बाजी कर रहे हैं. ऐसी बयानबाजी से परहेज करने की आवश्यकता है.

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने क्या कहा था?
बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था, ‘मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गईं. रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं. यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ हैं. एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस, तीसरे युग में गुरु गोलवलकर का बंच ऑफ थॉट. ये सभी देश व समाज को नफरत में बांटते हैं. नफरत देश को कभी महान नहीं बनाएगी. देश को महान केवल मोहब्बत बनाएगी.’
रिपोर्ट: दयानंद