Desk. केरल विधानसभा ने पीएम नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के ‘वन नेशन वन इलेक्शन‘ के खिलाफ प्रस्ताव पास किया है। साथ ही केंद्र से इसे रद्द करने का आग्रह किया है। वहीं केरल विधानसभा ने अपने प्रस्ताव में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को अलोकतांत्रिक बताया है।
केरल विधानसभा में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के खिलाफ प्रस्ताव पास
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की ओर से राज्य के संसदीय कार्य मंत्री एमबी राजेश द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्र द्वारा अनुमोदित ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव देश में संघीय व्यवस्था को कमजोर करेगा। केरल इस प्रस्ताव को पास करने वाला पहला राज्य बन गया है। यहां बीजेपी का एक भी विधायक नहीं है।
एमबी राजेश ने कहा, ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ प्रस्ताव अलोकतांत्रिक है। इससे देश की सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक विविधताओं को नुकसान पहुंचेगा। इस प्रस्ताव से सत्ता का केंद्रीकरण होगा और यह केंद्रीकृत, एकात्मक प्रशासनिक प्रणाली लागू करने के भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे का हिस्सा है।
18 सितंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के लिए पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और घोषणा की कि सिफारिशों को निष्पादित करने के लिए एक कार्यान्वयन समूह का गठन किया जाएगा।
वहीं इस तरह के कदम के लिए एक संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता होगी और इसे संसद में दो-तिहाई बहुमत से अनुमोदित करने और फिर राज्य विधानसभाओं द्वारा अनुमोदित करने की आवश्यकता होगी।