गोपालगंज: भारी बारिश की वजह से वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद गोपालगंज में जलस्तर में भारी बढ़ोतरी हुई है। जलस्तर बढ़ने की वजह से गोपालगंज के सदर प्रखंड और मांझागढ़ प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक पंचायतों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। लोगों का आरोप है कि जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने नाव की व्यवस्था नहीं की है। लोग अपने काम के लिए निजी नाव से आवागमन कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि मांझागढ़ प्रखंड के गौसिया, निमुइया, भैसही सहित अन्य पंचायत बाढ़ से प्रभावित है। लोगों के घरों में पानी घुस गया जिसकी वजह से घर में रखे सारे सामान डूब गए हैं। लोगों को खाने पीने की भारी परेशानी हो रही है। गौसिया बलुआ टोला के बाढ़ पीड़ित देवंती देवी और विवेक कुमार का कहना है कि गांव के करीब सभी घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। यहां के लोगो का खाने पीने का सभी सामान बर्बाद हो गया है। लोग घर के छतों पर या मचान पर खाना बनाकर खाते पीते है। अगर किसी का तबियत खराब हो जाय तो कोई नाव की व्यस्था नही है।
यहां के लोगो की जिंदगी नारकीय हो गयी है। गौसिया पंचायत के पूर्व मुखिया राधा रमण मिश्रा के मुताबिक मांझागढ़ प्रखंड के कई वार्ड बाढ़ से प्रभावित हुई है। इसके अलावा हजारो एकड़ में लगी गन्ने और धान की फसल पानी में डूबने की वजह से बर्बादी के कगार पर है। जिला प्रशासन के द्वारा कोई नाव की वयवस्था नही की गई है। वही इस मामले में मांझा अंचल पदाधिकारी मुन्ना कुमार ने कहा कि मांझा प्रखंड के चार पंचायतो के कई गांवों में बाढ़ आया है। कम्युनिटी किचन की व्यस्था जल्द शुरू की जाएगी, हालांकि बाढ़ का पानी अब धीरे धीरे घट रहा है।
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गोपालगंज से सुशील श्रीवास्तव की रिपोर्ट
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